22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में पहली बार बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की अहम बैठक हुई। इस बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए जिनका असर देश की सुरक्षा, किसान हित और बुनियादी ढांचे पर देखने को मिलेगा।
बैठक में सबसे बड़ा फैसला मेघालय से असम को जोड़ने वाले एक नए कॉरिडोर को लेकर हुआ। 166 किलोमीटर लंबा यह हाइवे प्रोजेक्ट 22,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से तैयार होगा। इसका उद्देश्य उत्तर-पूर्व के राज्यों को तेज़, सुरक्षित और आर्थिक रूप से सुदृढ़ कनेक्टिविटी देना है।
केंद्र सरकार ने गन्ना किसानों को भी बड़ी राहत दी है। कैबिनेट ने गन्ने का फेयर एंड रिम्यूनरेटिव प्राइस (FRP) बढ़ाकर 355 रुपये प्रति क्विंटल करने का निर्णय लिया है। यह बढ़ोत्तरी लाखों गन्ना किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
इसके साथ ही सरकार ने जातिगत जनगणना को लेकर भी बड़ा निर्णय लिया। अब यह जनगणना मुख्य जनगणना के साथ ही समाहित की जाएगी। इससे सामाजिक और आर्थिक नीतियों के निर्धारण में सटीक आंकड़े मिल सकेंगे।
गौरतलब है कि पिछली कैबिनेट बैठक 23 अप्रैल को सिर्फ सुरक्षा मामलों को लेकर हुई थी, जिसमें सीसीएस (कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी) ने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की थी। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए — जिनमें पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी को निष्कासित करना, सिंधु जल संधि को निलंबित करना और अटारी बॉर्डर क्रॉसिंग को बंद करने जैसे निर्णय शामिल हैं।
भारत सरकार ने सोमवार को पाकिस्तान से जुड़ी यूट्यूब चैनलों की सामग्री को भी ब्लॉक करने का फैसला लिया है। यह आतंकी हमले के बाद जारी सख्त रवैये का ही हिस्सा है।

Author: Sweta Sharma
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