उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से एक अंतरराष्ट्रीय वैवाहिक विवाद और मानवीय भावनाओं से जुड़ी कहानी सामने आई है। कोतवाली थाना क्षेत्र के बिहारीपुर मोहल्ले में रहने वाले मोहम्मद अथर से 2008 में निकाह करने वाली पाकिस्तानी नागरिक इरम, तीन तलाक के मुकदमे में सुलह के बाद मंगलवार को पाकिस्तान रवाना हो गईं। वह अपना बेटा मोहम्मद शाहे नूर (15) भारत में छोड़ गईं, जबकि बेटी आयजा (7) को अपने साथ ले गईं।
कहानी की शुरुआत:
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इरम, लाहौर की निस्तार कॉलोनी निवासी हैं और उनके पिता मजाहिल हुसैन एक मशहूर डॉक्टर हैं।
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उनकी बुआ की शादी बरेली में हुई थी, और वहीं उन्होंने इरम के लिए रिश्ता तय कराया।
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8 अप्रैल 2008 को इरम का निकाह मोहम्मद अथर से हुआ।
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बरात के साथ 9 लोग पाकिस्तान भी गए और लगभग 5-6 महीने वहीं रहे।
तलाक और मुकदमेबाज़ी:
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11 जून 2024 को अथर ने इरम से मारपीट कर तीन तलाक दे दिया।
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इरम ने 18 जून 2024 को तीन तलाक कानून के तहत कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया और उसी मकान में एक कमरे में रहने लगी।
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कोर्ट ने तब तक भारत छोड़ने से रोक दिया जब तक मामला समाप्त न हो जाए।
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बाद में इरम ने मुकदमा वापस लेने की एप्लिकेशन दी, और 13 सितंबर 2024 को पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट (एफआर) कोर्ट में लगा दी।
कानूनी प्रक्रिया और वापसी:
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अदालत ने कुछ हफ्तों पहले मुकदमा पूरी तरह खत्म कर दिया।
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इसके बाद लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (LIU) और पुलिस ने पाकिस्तान जाने की अनुमति दी।
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पहल्गाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान सरकार ने अपने नागरिकों को लौटने का आदेश दिया था, जिससे बरेली में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की वापसी शुरू हो गई है।
इरम की विदाई:
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इरम अपनी बेटी आयजा को साथ लेकर गईं, लेकिन बेटे मोहम्मद शाहे नूर को भारत में छोड़ना पड़ा।
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विदाई के समय भावुक माहौल था, लेकिन कानूनी सुलह के साथ अब वह अपने वतन लौट चुकी हैं।
Author: Sweta Sharma
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