‘स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी’ पर टिप्पणी के मामले में सुप्रीम कोर्ट सख्त, कोर्ट में पेश होने का आदेश
स्टैंडअप कॉमेडियन और यूट्यूबर समय रैना की कानूनी परेशानियां बढ़ गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें और पांच अन्य सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को दिव्यांग व्यक्तियों का मजाक उड़ाने के मामले में अदालत में पेश होने का आदेश दिया है। यह निर्देश एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान आया, जिसे क्योर एसएमए फाउंडेशन ऑफ इंडिया नामक एनजीओ ने दाखिल किया था।

याचिका में आरोप है कि समय रैना ने अपने शो India’s Got Latent में ‘स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी’ (SMA) जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों का मजाक उड़ाया, जिससे दिव्यांग जनों की गरिमा को ठेस पहुंची है। जस्टिस सूर्यकांत और एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने मुंबई पुलिस आयुक्त को आदेश दिया कि वह सभी आरोपियों को नोटिस भेजें और पेश न होने की स्थिति में दंडात्मक कार्रवाई करें।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया पर मौजूद ऐसे “हानिकारक और अपमानजनक कंटेंट” पर चिंता जताई और कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर किसी की गरिमा को ठेस नहीं पहुंचाई जा सकती। कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी से इस मामले में सहायता मांगी है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को व्यापक संदर्भ में लेते हुए दिव्यांगों से संबंधित कंटेंट को रेगुलेट करने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश तैयार करने पर विचार करने को कहा है, ताकि आगे ऐसी घटनाएं दोहराई न जाएं।
Author: Sweta Sharma
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