किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU), लखनऊ के पल्मोनरी एवं क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग द्वारा विश्व अस्थमा दिवस के अवसर पर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अस्थमा रोग की गंभीरता, जागरूकता और सुलभ उपचार की आवश्यकता पर जोर दिया गया। इस वर्ष की थीम है: “इनहेलेशन उपचार सभी के लिए सुलभ बनाएं”, जिसे ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (GINA) द्वारा निर्धारित किया गया है।
प्रो. (डॉ.) वेद प्रकाश ने बताया कि अस्थमा से भारत में लगभग 3.4 करोड़ लोग प्रभावित हैं और वैश्विक अस्थमा से होने वाली मौतों का 46% भारत में होता है। उन्होंने कहा, “अगर दमा को हराना है, तो इन्हेलर अपनाना है।” भारत में इनहेलेड कॉर्टिको-स्टेरॉयड्स को आवश्यक औषधियों की सूची में शामिल किया गया है, लेकिन जागरूकता और पहुंच में अभी भी काफी चुनौतियाँ हैं।
प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि अस्थमा लाइलाज नहीं है, उचित निदान, नियमित इनहेलेशन थेरेपी, ट्रिगर से बचाव, रोगी शिक्षा और जीवनशैली सुधार से इस पर काबू पाया जा सकता है।
प्रमुख लक्षणों में घरघराहट, साँस फूलना, सुबह-रात की खांसी और छाती में जकड़न शामिल हैं।
इस अवसर पर प्रो. राजेन्द्र प्रसाद (एराज मेडिकल यूनिवर्सिटी), प्रो. आर.ए.एस. कुशवाहा, प्रो. राजेश कुमार (KGMU), डॉ. सचिन कुमार, डॉ. मोहम्मद आरिफ, डॉ. मृत्युंजय समेत कई विशेषज्ञ मौजूद रहे।
KGMU विभाग आधुनिक जांच, एलर्जी परीक्षण और बायोलॉजिक उपचार के माध्यम से रोगियों को गुणवत्तापूर्ण और व्यक्तिगत देखभाल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

Author: Sweta Sharma
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