बरेली में सोमवार सुबह हुई महज 45 मिनट की बारिश ने नगर निगम की जल निकासी व्यवस्था की पूरी तरह पोल खोल दी। शहर के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई, जिससे दुकानों और घरों तक में पानी घुस गया। यदि समय रहते नालों की सफाई नहीं हुई तो आगामी मानसून में हालात और भी बदतर हो सकते हैं।
नगर निगम दावा करता रहा है कि जलभराव से निपटने के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। हाल ही में बोर्ड बैठक में मुंशी नगर सहित कई वार्डों में नाली और सड़क निर्माण की बात कही गई थी, लेकिन सच्चाई पहली बारिश में ही सामने आ गई। आकाशपुरम, सुरेश शर्मा नगर, हजियापुर, फाइक एन्क्लेव, सुभाष नगर, प्रेमनगर, किला, पुराना शहर, बाकरगंज, राजीव नगर, गंगानगर, सिविल लाइंस, सिकलापुर, आजमनगर, रहपुरा चौधरी, परतापुर चौधरी, बंडिया, मथुरापुर, पीर बहोड़ा और बन्नूवाल नगर जैसे इलाकों की सड़कों पर पानी भर गया।
कई स्थानों पर नालियों का ओवरफ्लो हो गया जिससे गंदा पानी घरों में घुस गया। रामायण वाटिका कॉलोनी, मुंशी नगर में स्थिति और भी खराब रही। यहां गली की सड़क ना बनने और गली के नीचा होने के कारण पानी जमा हो गया। बच्चों को सुबह स्कूल जाते समय पानी में होकर निकलना पड़ा।
सुभाष नगर पुलिया पर जलभराव के चलते राहगीरों को वैकल्पिक रास्ता अपनाना पड़ा। बाइक सवारों को फिसलन की वजह से संभलकर निकलना पड़ा। पीलीभीत बाईपास स्थित पशुपति नाथ मंदिर मार्ग पर भी बारिश के बाद सड़क पानी में डूब गई। वहां से गुजरने वालों को पहले जूते-मोजे उतारने पड़े और फिर आगे बढ़ना पड़ा।
लोगों में नगर निगम की लापरवाही को लेकर खासा आक्रोश है। नागरिकों का कहना है कि हर साल यही समस्या होती है, लेकिन समाधान के नाम पर केवल दावे किए जाते हैं।
Author: Sweta Sharma
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