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अनीस मंसूरी का केंद्र सरकार से सवाल—सीज़फायर पर देश को क्यों नहीं मिली पारदर्शी जानकारी?

“गोली के जवाब में फूल क्यों?”—सीज़फायर पर पूर्व मंत्री मंसूरी ने उठाए तीखे सवाल

लखनऊ। भारत-पाकिस्तान के बीच अचानक हुए सीज़फायर समझौते को लेकर पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने केंद्र सरकार पर सवालों की बौछार कर दी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस पुराने बयान की याद दिलाई जिसमें उन्होंने कहा था, “हम मिट्टी में मिला देंगे”, और पूछा—अब ऐसा क्या दबाव आ गया कि भारत को सीज़फायर के लिए तैयार होना पड़ा?

मंसूरी ने यह सवाल भी उठाया कि पाकिस्तान की तरफ से भारत के 36 शहरों को निशाना बनाने की धमकी के बीच ही आखिर क्यों सीज़फायर की घोषणा की गई? उन्होंने केंद्र से यह जानना चाहा कि किन शर्तों पर यह समझौता हुआ और सबसे अहम बात—अमेरिका ने सबसे पहले इसका ऐलान क्यों किया?

पूर्व मंत्री ने अमेरिका के इस दावे को भी गंभीर बताया कि दोनों देशों के बीच सीज़फायर उसी की मध्यस्थता से हुआ है। उन्होंने कहा, अगर यह सच है तो भारत की रणनीतिक स्वायत्तता पर सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने सरकार से यह स्पष्ट करने की मांग की कि इस निर्णय में भारत को क्या राजनयिक या सामरिक लाभ मिला, और पाकिस्तान को क्या रियायतें दी गईं?

मंसूरी ने दो टूक कहा कि “जब दुश्मन गोली चला रहा हो और आप फूल थमा दें, तो यह शांति नहीं, कमजोरी कहलाती है।” उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की कि वे राष्ट्र को संबोधित कर इस पूरे घटनाक्रम की पारदर्शी जानकारी दें ताकि लोगों का भरोसा बना रहे कि कोई समझौता राष्ट्रहित से परे नहीं हुआ |

Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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