दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं — अमेरिका और चीन, लंबे समय से चले आ रहे ट्रेड वॉर को थामने की दिशा में आगे बढ़ी हैं। जेनेवा में हुई दो दिवसीय बैठक के बाद दोनों देशों ने टैरिफ में कुल 115% की कटौती का ऐलान किया है। यह समझौता फिलहाल 90 दिनों के लिए लागू रहेगा, जिसे जरूरत पड़ने पर आगे भी बढ़ाया जा सकता है।
समझौते के अनुसार, अब अमेरिका चीनी उत्पादों पर 30% टैरिफ लगाएगा, जबकि चीन अमेरिकी वस्तुओं पर 10% टैरिफ वसूलेगा। गौरतलब है कि पिछले महीने दोनों देशों ने टैरिफ की दरें ट्रिपल डिजिट तक बढ़ा दी थीं — अमेरिका ने 145% तक और चीन ने 125% तक टैरिफ लगाया था। इसके चलते करीब 600 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार लगभग ठप हो गया था।

इस नई डील को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की बड़ी कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है। व्हाइट हाउस ने 11 मई को बयान जारी कर इस डील की पुष्टि की थी। ट्रम्प प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी जैमीसन ग्रीर ने कहा, “दोनों पक्ष बहुत जल्दी एक समझौते पर पहुंचे, जिससे यह स्पष्ट होता है कि मतभेद उतने गहरे नहीं थे जितना पहले सोचा गया था।”
चीनी उप-प्रधानमंत्री हे लीफेंग और उप वाणिज्य मंत्री ली चेंगगैंग ने भी बयान में कहा कि यह समझौता विश्व अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर है और दोनों देशों के बीच आर्थिक संवाद को नई दिशा देगा।

विशेष बात यह रही कि यह बैठक ट्रम्प के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद चीन के साथ पहली उच्चस्तरीय आमने-सामने की बैठक थी। ट्रम्प ने पहले ही चीन की अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता जताई थी और संकेत दिया था कि वे टैरिफ में कटौती के लिए तैयार हैं। उन्होंने NBC को दिए एक इंटरव्यू में कहा था, “टैरिफ बहुत अधिक हो चुके हैं, जिससे व्यापार बंद हो गया है। मैं इसे घटा सकता हूं ताकि व्यापार संभव हो।”
चीन की अर्थव्यवस्था फिलहाल दबाव में है — फैक्ट्रियों में उत्पादन ठप है और निर्यात ऑर्डर गिर गए हैं। ऐसे में यह डील चीन के लिए भी राहत भरी खबर मानी जा रही है।
Author: Sweta Sharma
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