ऑपरेशन सिंदूर में दुश्मन देश को हथियार भेजने पर जताया विरोध
व्यापार और समझौते तोड़ने की मांग तेज
निश्चय टाइम्स, वाराणसी। भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान तुर्की द्वारा पाकिस्तान को हथियार सहायता देने की खबर सामने आने के बाद पूरे देश में आक्रोश फैल गया है। भारत में तुर्की के उत्पादों का बहिष्कार शुरू हो गया है, और कई संस्थानों ने तुर्की से अपने समझौतों (MoU) को भी निलंबित कर दिया है। इसी क्रम में रविवार को वाराणसी के लमही क्षेत्र में ‘विशाल भारत संस्थान’ की ओर से तुर्की और पाकिस्तान के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने तुर्की और पाकिस्तान की शव यात्रा निकालते हुए पुतले जलाए और जमकर नारेबाज़ी की— “पाकिस्तान मुर्दाबाद”, “तुर्की मुर्दाबाद”। संस्थान के अध्यक्ष राजीव श्रीवास्तव ने कहा, “पाकिस्तान एक घोषित आतंकी समर्थक देश है, यह कोई नई बात नहीं। लेकिन अब तुर्की जैसे देश का खुलकर उसके साथ खड़ा होना बेहद निंदनीय है। तुर्की में भूकंप के समय भारत ने उसे दवाइयां और राशन भेजा था, लेकिन जवाब में उन्होंने पाकिस्तान को भारत के खिलाफ हथियार दिए।”
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जो देश आतंकवाद का समर्थन करता है, उससे भारत को हर तरह का संबंध तोड़ देना चाहिए। यही संदेश देने के लिए यह प्रतीकात्मक शव यात्रा निकाली गई। जनता का गुस्सा अब सिर्फ नारों तक सीमित नहीं रहा— देशभर में तुर्की के मार्बल, सेब जैसे उत्पादों के बहिष्कार का अभियान तेज़ हो गया है।
