नई दिल्ली — कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा विदेश मंत्री एस. जयशंकर पर लगाए गए गंभीर आरोपों पर अब विदेश मंत्रालय और भाजपा दोनों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। राहुल गांधी ने दावा किया था कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत से पहले भारत सरकार ने पाकिस्तान को सूचना दी थी, जिसे उन्होंने “राष्ट्रविरोधी” और “अपराध” करार दिया। इस दावे को लेकर अब सरकार ने स्थिति स्पष्ट की है और राहुल पर पलटवार भी किया है।
राहुल गांधी का दावा क्या था?
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि एस. जयशंकर ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर से पहले पाकिस्तान को सूचित किया था। राहुल ने पूछा कि इस निर्णय के लिए किसने अधिकृत किया, और इससे भारतीय वायुसेना को कितने विमान खोने पड़े? उन्होंने इसे राष्ट्रहित के खिलाफ एक गंभीर चूक बताया।
विदेश मंत्रालय और जयशंकर की सफाई
विदेश मंत्री जयशंकर ने पहले ही साफ किया था कि ऑपरेशन के दौरान भारत ने पाकिस्तान को यह संदेश भेजा था कि हमला आतंकी ढांचे पर केंद्रित है, सेना को निशाना नहीं बनाया जाएगा, और यदि सेना हस्तक्षेप नहीं करती तो संघर्ष टाला जा सकता है।
विदेश मंत्रालय ने राहुल गांधी के दावे को झूठा और भ्रामक बताते हुए कहा कि इस तरह की जानकारी देना आंतरराष्ट्रीय कूटनीति का हिस्सा है, ताकि सैन्य टकराव को रोका जा सके और निर्दोष नागरिकों को नुकसान न पहुंचे।

भाजपा का तीखा हमला
भाजपा नेता अमित मालवीय ने राहुल पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि “राहुल गांधी पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं।” उन्होंने पूछा कि राहुल ने यह क्यों नहीं पूछा कि भारत ने कितने पाकिस्तानी फाइटर जेट गिराए या कितने एयरबेस नष्ट किए?
मालवीय ने तंज कसते हुए कहा, “राहुल गांधी के लिए अगला सम्मान क्या होगा? निशान-ए-पाकिस्तान?”
भाजपा ने यह भी याद दिलाया कि राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर बधाई तक नहीं दी, बल्कि उलटे देश की सैन्य रणनीति पर सवाल उठाए।
🇮🇳 ऑपरेशन सिंदूर: एक नजर
ऑपरेशन सिंदूर को भारतीय वायुसेना द्वारा एक सटीक और सीमित सैन्य कार्रवाई के रूप में देखा गया, जिसमें पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था। इसका उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक संदेश देना था, न कि किसी युद्ध को बढ़ावा देना।
राजनीतिक नफे-नुकसान से ऊपर है राष्ट्रीय सुरक्षा
राहुल गांधी का यह बयान ऐसे समय आया है जब देश की सैन्य कार्रवाई की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना हुई है। ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि विपक्ष को सुरक्षा मामलों में जिम्मेदार व्यवहार दिखाना चाहिए।
सवाल पूछना लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन जब बयानबाजी पाकिस्तान के नैरेटिव को मजबूत करने लगे, तो वह राष्ट्रीय हित पर चोट बन जाती है।
Author: Sweta Sharma
I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.
								
															
			
			




