पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भीषण गर्मी के बाद बुधवार को मौसम ने अचानक करवट ली और तेज अंधड़ के साथ बारिश ने तबाही मचा दी। सहारनपुर, मेरठ, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, और बिजनौर सहित कई शहरों में आंधी और तेज बारिश से जीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
मौसम विभाग के अनुसार, आंधी की रफ्तार 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई, जिससे कई जगह होर्डिंग, पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए। इस मौसमीय तांडव में सहारनपुर में दो लोगों की मौत, जबकि मेरठ और गाजियाबाद में एक-एक मौत की सूचना मिली है।
गाजियाबाद में भारी नुकसान की खबरें सामने आई हैं। सड़कों पर गिरे पेड़ों और टूटे खंभों ने यातायात को पूरी तरह प्रभावित किया। दिल्ली-पौड़ी नेशनल हाईवे घंटों बंद रहा, जिसे बाद में पेड़ हटाकर खोला गया। सहारनपुर-शामली मार्ग भी बाधित हुआ था। तेज हवाओं और मलबे के कारण बिजली आपूर्ति भी चरमरा गई। बिजली के पोल और तार टूटने से कई इलाकों में रातभर अंधेरा छाया रहा। पावर कॉर्पोरेशन को सबसे अधिक नुकसान झेलना पड़ा है।
इससे पहले लगातार दो दिन से गर्मी ने लोगों की हालत खराब कर दी थी। बुधवार शाम को बादलों ने डेरा डाला और बारिश ने लोगों को कुछ राहत दी, लेकिन राहत के साथ आफत भी आई। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले 24 घंटों में फिर से तेज हवाओं और बारिश की आशंका बनी हुई है। मुजफ्फरनगर और सहारनपुर में गुरुवार को भी हल्की बूंदाबांदी जारी रही, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई और लोगों को गर्मी से राहत मिली।

Author: Sweta Sharma
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