अपहरण ने खोला राज, जांच एजेंसियां रह गईं पीछे
मुरादाबाद में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें अपहरण की वारदात ने सोने की अंतरराष्ट्रीय तस्करी के बड़े राज से पर्दा उठा दिया। यदि बदमाशों द्वारा की गई अपहरण की घटना न होती, तो चार लोगों के पेट में छिपाकर लाया गया सोना जांच एजेंसियों की नजरों से पूरी तरह बच निकलता।
दरअसल, रामपुर जिले के टांडा बादली के रहने वाले छह लोग सऊदी अरब से दिल्ली लौटे थे। शुक्रवार को ये सभी एक कार में बैठकर अपने घर की ओर जा रहे थे कि लखनऊ-दिल्ली हाईवे पर पुराने टोल प्लाजा के पास बदमाशों ने इनका अपहरण कर लिया। पुलिस की तत्परता से हुई मुठभेड़ में दो बदमाश गिरफ्तार हुए और सातों अपहृत (एक कार चालक समेत) सुरक्षित छुड़ा लिए गए।
एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि छुड़ाए गए लोगों में शाने आलम, मुतल्लवी, मो. नावेद, जाहिद अली, अजहरुद्दीन और जुल्फेकार शामिल हैं। शनिवार को पहले मूंढापांडे सीएचसी में अल्ट्रासाउंड कराया गया, जहां डॉक्टर ने रिपोर्ट देने से मना कर दिया। इसके बाद मामला संदिग्ध मानते हुए पुलिस ने निजी लैब में जांच करवाई।
यहां चार लोगों – अजहरुद्दीन, जुल्फेकार, मुतल्लवी और शाने आलम – के पेट में सोना होने की पुष्टि हुई। बाद में जिला अस्पताल में कराई गई जांच में भी यह बात दोहराई गई। वहीं नावेद और जाहिद अली के पेट में कुछ नहीं मिला। सबसे बड़ी बात यह रही कि दिल्ली एयरपोर्ट पर जांच एजेंसियां इन तस्करों को पकड़ने में नाकाम रहीं। यदि अपहरण की घटना न होती, तो यह सोना आराम से देश के भीतर पहुंच जाता और कोई भी इस नेटवर्क का पता नहीं लगा पाता।
पुलिस ने इस मामले में कस्टम विभाग को सूचना दे दी है और आगे की जांच शुरू हो चुकी है। इस घटना ने जांच एजेंसियों की सतर्कता और हवाई अड्डों की सुरक्षा पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।

Author: Sweta Sharma
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