प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दो दिवसीय दौरा आज उत्तर प्रदेश के औद्योगिक केंद्र कानपुर में समाप्त हुआ। इस दौरे के दौरान उन्होंने बिहार और उत्तर प्रदेश में 50,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, जिससे पूर्वी भारत में ऊर्जा, परिवहन और बुनियादी ढांचे की दिशा में बड़ी छलांग मानी जा रही है।
दौरे की शुरुआत सिक्किम के “Sikkim@50” कार्यक्रम से हुई, जहां पीएम ने प्रगति और प्रकृति के संतुलन पर जोर दिया। खराब मौसम के कारण कुछ कार्यक्रम वर्चुअल माध्यम से पूरे किए गए। इसके बाद प्रधानमंत्री अलीपुरद्वार (पश्चिम बंगाल) होते हुए पटना पहुंचे।
बिहार में ऊर्जा और कनेक्टिविटी पर बड़ा निवेश हुआ। औरंगाबाद जिले में 29,930 करोड़ रुपये की लागत वाली नबीनगर सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी गई, जिसका उद्देश्य बिहार और पूर्वी भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करना है। इसके अलावा, पीएम मोदी ने पटना-आरा-सासाराम, पटना-गया-डोभी, गोपालगंज टाउन जैसे राष्ट्रीय राजमार्गों के चौड़ीकरण और सुधार की परियोजनाओं का उद्घाटन/शिलान्यास किया। साथ ही, सोन नगर-मोहम्मदगंज तीसरी रेल लाइन जैसी परियोजनाएं भी राष्ट्र को समर्पित की गईं।
बिहार दौरे के बाद प्रधानमंत्री कानपुर पहुंचे, जहां उन्होंने 2,120 करोड़ रुपये की लागत वाली कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के चुन्नीगंज से सेंट्रल स्टेशन खंड का उद्घाटन किया। यह खंड शहर के प्रमुख वाणिज्यिक और सार्वजनिक स्थलों को जोड़ता है, जिसमें 5 भूमिगत स्टेशन भी शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त, जीटी रोड के चौड़ीकरण, गौतम बुद्ध नगर के वाईईआईडीए सेक्टर 28 में 220 केवी सबस्टेशन, तथा ग्रेटर नोएडा के इको टेक-8 व 10 में 132 केवी सबस्टेशन जैसी विद्युत परियोजनाएं शुरू की गईं।
इस दौरे ने न केवल बुनियादी ढांचे को सशक्त किया बल्कि भविष्य की औद्योगिक प्रगति और ऊर्जा आपूर्ति को भी दिशा दी। बीजेपी और पीआईबी द्वारा साझा जानकारी के अनुसार, यह दौरा 2024 लोकसभा चुनाव से पहले विकास को लेकर सरकार के फोकस को दर्शाता है।

Author: Sweta Sharma
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