शव डीप-फ्रिजर में सुरक्षित, तीन दिन का अल्टीमेटम
राजस्थान के बाड़मेर जिले के चौहटन थाना क्षेत्र में चिंकारा हिरणों के शिकार का मामला गरमा गया है। शुक्रवार रात हुए इस क्रूर कृत्य के बाद बिश्नोई समाज और वन्यजीव प्रेमियों ने कड़ा विरोध जताया है। आक्रोशित ग्रामीण पिछले तीन दिनों से धरने पर बैठे हुए हैं, और बड़ी संख्या में लोग धरना स्थल पर जुटे हैं।
इस पूरे प्रकरण में दो चिंकारा हिरणों के शव हाईवे पुल के नीचे प्लास्टिक की बोरियों में मिले थे, जो शिकारियों द्वारा तड़के मारे जाने के बाद फेंके गए थे। शवों को डीप-फ्रिजर में रखवाया गया है ताकि फॉरेंसिक जांच के लिए आवश्यक सबूत सुरक्षित रह सकें। चौहटन का आगौर गांव बिश्नोई समाज बहुल क्षेत्र है, जहां चिंकारा सहित अन्य वन्य जीवों की रक्षा को लेकर गहरी आस्था है। इस घटना को समाज ने अपनी धार्मिक आस्था पर सीधा हमला बताया है। ग्रामीणों और प्रदर्शनकारियों ने पुलिस और वन विभाग से कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
अब तक 10 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, लेकिन कोई औपचारिक गिरफ्तारी नहीं होने से आंदोलनकारियों में नाराजगी गहराती जा रही है। रविवार शाम को पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में प्रदर्शनकारियों ने तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है। उनका साफ कहना है कि अगर इस अवधि में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती है, तो वे सड़क जाम और बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे।
बिश्नोई समाज की मांग है कि आरोपियों पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत कठोर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजा जाए। समाज के वरिष्ठ जनों ने चेताया कि वन्यजीवों की हत्या को वे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे।

Author: Sweta Sharma
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