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मिर्जापुर, बाराबंकी और झांसी में तीन नए सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना को मिली मंजूरी

बाराबंकी में सब्जी और फूलों के लिए, मिर्जापुर में ड्रैगन फ्रूट एवं खजूर के लिए और झांसी में सिट्रस फलों के लिए होंगे स्थापित एक्सीलेंस

केन्द्र किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण और उन्नत तकनीकों का प्रदर्शन करायेंगे

केन्द्रों का उद्देश्य किसानों की उत्पादकता और आय में वृद्धि करना – मंत्री श्री दिनेश प्रताप सिंह

निश्चय टाइम्स,लखनऊ। प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने मंगलवार को अपने सरकारी आवास 19, गौतमपल्ली, लखनऊ पर आयोजित प्रेस वार्ता में जानकारी दी कि भारत सरकार द्वारा प्रदेश के तीन जनपदों मिर्जापुर, बाराबंकी और झांसी में नये सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना स्वीकृत की गई है। इन केन्द्रों द्वारा ड्रैगन फ्रूट, खजूर, सिट्रस फ्रूट (नींबू, लेमन, किन्नो, मौसमी आदि) और फूल-सब्जी के क्षेत्र में किसानों को गुणवत्तायुक्त पौध उत्पादन के साथ ही नवीन प्रजातियों एवं विधाओं का प्रशिक्षण एवं उन्नत तकनीकों का प्रदर्शन उपलब्ध कराया जायेगा।
श्री सिंह ने बताया कि जनपद बाराबंकी के ग्राम सोनीकपुर, विकासखण्ड त्रिवेदीगंज, तहसील हैदरगढ़ में इण्डो-डच सहयोग से सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल एंड फ्लावर की स्थापना की जाएगी। इस केन्द्र के लिए पहली बार नीदरलैण्ड/डच सरकार को सहयोगी पार्टनर बनाया गया है, जिसके विशेषज्ञ पूर्व में स्थल का भ्रमण कर चुके हैं।
इसी प्रकार जनपद मिर्जापुर के ग्राम देवरी कला, तहसील मरिहन स्थित राजकीय प्रक्षेत्र पर ड्रैगन फ्रूट एवं खजूर के लिए सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी। इस केन्द्र के लिए तकनीकी सहयोग भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बैंगलुरु और कृषि विश्वविद्यालय, कोटा (राजस्थान) द्वारा प्रदान किया जाएगा। इसी प्रकार जनपद झांसी में बरुआसागर स्थित औद्यानिक एवं प्रशिक्षण केन्द्र पर सिट्रस वर्गीय फलों हेतु सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी। इस केन्द्र को इण्डो-इजराइल परियोजना के अंतर्गत इजराइली विशेषज्ञों का तकनीकी सहयोग प्राप्त होगा।
मंत्री ने बताया कि सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस का उद्देश्य किसानों को उस फसल से संबंधित पौध उत्पादन से लेकर विपणन तक की नवीनतम तकनीकों का प्रशिक्षण देना और आधुनिक विधियों का प्रदर्शन करना है, ताकि किसान इन तकनीकों को अपनाकर परंपरागत खेती में सुधार कर सकें तथा उत्पादकता और आय में वृद्धि कर सकें। उन्होंने बताया कि देश में उत्तर प्रदेश इण्डो-इजराइल तकनीक सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस में दूसरे स्थान पर है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में चार सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस जिसमें फल और सब्जी हेतु बस्ती, सब्जी हेतु कन्नौज, फल और सब्जी हेतु सहारनपुर तथा अलंकृत पौध हेतु आलमबाग, लखनऊ संचालित हैं। इसके अतिरिक्त छह सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस फल हेतु कौशाम्बी, सब्जी हेतु चन्दौली, शहद हेतु सहारनपुर और रायबरेली तथा एरोपोनिक्स आलू उत्पादन हेतु हापुड़ और कुशीनगर निर्माणाधीन हैं।

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Author: ntuser1

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