[the_ad id="4133"]
Home » इंडिया » उत्तर प्रदेश » लखनऊ » वन ट्रिलियन इकोनॉमी की राह में ‘नक्शा’ बनेगा सहायक

वन ट्रिलियन इकोनॉमी की राह में ‘नक्शा’ बनेगा सहायक

नक्शा पायलेट कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश के 10 शहरी स्थानीय निकाय चयनित

मालिकाना के निर्धारण से शहरी क्षेत्र की परिसंपत्तियों के लेन-देन में धोखाधड़ी पर लगेगी रोक

शहरी भूमि रिकॉर्ड को पारदर्शी और सटीक बनाने के लिए ‘नक्शा’ पायलट योजना शुरू

भूखंडों के मालिकाना हक से लेन-देन में पारदर्शिता आएगी

निश्चय टाइम्स,लखनऊ। भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय अन्तर्गत भूमि संसाधन विभाग के सचिव मनोज जोशी द्वारा प्रदेश में भारत सरकार के कार्यकम डिजिटल इण्डिया लैण्ड रिकार्ड माडर्नाइजेशन प्रोग्राम (डी०आई०एल०1आर०एम०पी०) एवं शहरी क्षेत्रों के लैण्ड रिकार्ड तैयार करने संबंधी कार्यक्रम ’नक्शा’ की समीक्षा की गयी। श्री अनिल कुमार के अध्यक्ष राजस्व परिषद द्वारा लैण्ड रिकार्ड माडर्नाइजेशन के अन्तर्गत प्रदेश में किये गये कार्यों, नवाचारों, बेस्ट प्रैक्टिसेज एवं भविष्य की कार्ययोजनाओं के संबंध में विस्तार से अवगत कराया गया।

सचिव भूमि संसाधन विभाग मनोज जोशी ने सोमवार को राजस्व परिषद के सभाकक्ष में प्रेस कान्फ्रेंस कर बताया कि राज्य सरकार की मंशानुसार प्रदेश के वन-ट्रिलियन इकोनामी के लक्षित उद्देश्य की प्राप्ति के लिए कृषि, उद्योग एवं सर्विस सेक्टर तथा प्रदेश के संतुलित विकास के लिए सटीक नियोजन हेतु भूमि-प्रबंधन एक महत्वपूर्ण घटक है। राजस्व विभाग के द्वारा राजस्व परिषद उ०प्र० के माध्यम से भूमि-प्रबंधन में तकनीकी समावेशन करते हुए ग्रामीण क्षेत्र की भूमियों को पूर्व से ही डिजिटली रूप से प्रबंधित किया जा रहा है। वर्तमान में भूमि संबंधी अभिलेख यथा-रियल टाईम खतौनी, नक्शा, खसरा डिजिटल हैं। गांव के मैप्स का डिजिटलीकरण कर जियोरिफरेन्स्ड कराया जा चुका है तथा प्रत्येक गाटे को उसके भू-स्थानिक निर्देशांक के आधार पर भू-आधार-विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या (यू एल पी आई एन) आवंटित है। यूएलपीआईएन में भूखंड के स्वामित्व विवरण के अलावा इसके आकार और अनुदैर्ध्य और अक्षांशीय विवरण भी होंगे। इससे रियल एस्टेट लेनदेन में सुविधा होगी, संपत्ति कराधान के मुद्दों को हल करने में मदद मिलेगी और आपदा योजना और प्रतिक्रिया प्रयासों में सुधार होगा।

वर्तमान में खतौनी में भू-गाटे में अंश धारको का अंश तथा भू-गाटे के वादग्रस्त होने, विक्रय, भू-नक्शा, एंटी-भूमाफिया पोर्टल पर कोई शिकायत, शत्रु अथवा निष्कांत संपत्ति होने, किसी प्रकार का बैंक बंधक होने आदि का विवरण सिंगल क्लिक पर आन लाईन उपलब्ध है। उत्तराधिकार वरासत, गैर कृषिक भूमि घोषणा, आय/जाति/निवास प्रमाणपत्र, अनुसूचित जाति के भूमिधर की भूमि के अन्तरण, 12.5 एकड़ से अधिक भूमि के संक्रमण अधिकृत किया जाना, भूमि पर अवैध कब्जे की शिकायत, पट्टा आवंटन (तालाब), मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण एवं खतौनी में अंश सुधार हेतु आन लाईन आवेदन की सुविधा आमजन को उपलब्ध है। भूमि संबंधी विवादों के निस्तारण हेतु राजस्व न्यायालय कम्प्यूटरीकृत प्रबन्धन प्रणाली कियाशील है जिसे वादी एवं प्रतिवादी को अपने वाद की स्थिति के संबंध में समस्त विवरण जैसे केस की तारीख, केस की स्थिति, आर्डर आदि ऑनलाईन देखने की सुविधा उपलब्ध है। इस कम में भूमि अभिलेखों में हितबद्ध व्यक्ति की आधार सीडिंग कराये जाने की कार्ययोजना पर कार्य गतिमान है। आधार सीडिंग का कार्यपूर्ण होने पर सिंगल क्लिक में हितबद्ध व्यक्ति को न केवल प्रदेश में उसके नाम पर दर्ज समस्त भूमियों का विवरण उपलब्ध हो जायेगा तथा भूमि के क्रय-विक्रय में होने वाली धोखाधड़ी पर अकुंश लगेगा
अपितु राज्य की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लक्षित व्यक्ति को प्राप्त हो सकेगा। स्वामित्व योजना के अन्तर्गत राजस्व विभाग और भारतीय सर्वेक्षण विभाग के सहयोग से ड्रोन सर्वेक्षण तकनीक का उपयोग करते हुए, ग्रामीण आबादी के आवासीय अधिकार अभिलेख तैयार कर वितरित किया गया है। इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत के नागरिकों को ऋण और अन्य वित्तीय लाभ प्राप्त करने के लिए, अपनी संपत्ति को एक वित्तीय परिसंपत्ति के रूप में प्रयोग करने में सक्षम बनाते हुए उन्हें वित्तीय स्थिरता प्रदान करना, ग्रामीण नियोजन हेतु सटीक भूमि अभिलेखों और जीआईएस नक्शों का निर्माण, संपत्ति कर का निर्धारण, संपत्ति संबंधी विवादों को कम करना है।

शहरी क्षेत्रों के लैण्ड रिकार्ड तैयार किये जाने हेतु ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा ’नक्शा’ पायलेट कार्यकम वर्ष 2024-25 में 27 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों के सभी 157 पायलट शहरी स्थानीय निकायों में शुरू किया गया है। ’नक्शा’ पायलेट कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश के 10 शहरी स्थानीय निकाय यथा टांडा (अम्बेडकरनगर), नवाबगंज (बाराबंकी), अनूपशहर (बुलंदशहर), चित्रकूटधाम (चित्रकूट), गोरखपुर (गोरखपुर), हरदोई (हरदोई), झांसी (झांसी), चुनार (मिर्जापुर), पूरनपुर (पीलीभीत) तथा तिलहर (शाहजहाँपुर) चयनित है। अत्याधुनिक हवाई और क्षेत्र सर्वेक्षण तकनीकों का उपयोग करते हुए, ’नक्शा शहरी भूमि पार्सल का एक व्यापक, जीआईएस एकीकृत डेटाबेस तैयार कर रहा है। वर्तमान में प्रदेश में लगभग 22.27 प्रतिशत जनसंख्या शहरी क्षेत्रों में निवास करती है जिसके संबंध में अनुमान है कि 2031 तक प्रदेश की लगभग 40 प्रतिशत जनसंख्या शहरी क्षेत्रों में निवास करेगी। इसके दृष्टिगत सटीक और सुलभशहरी भूमि रिकॉर्ड की ज़रूरत पहले कभी इतनी महत्वपूर्ण नहीं रही।

पारदर्शी संपत्ति स्वामित्व को सक्षम करके, शहरी नियोजन प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करके और बेहतर बुनियादी ढाँचे के विकास का समर्थन करके ’नक्शा’ इस मांग को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अभी तक प्रदेश में शहरी क्षेत्रों के जो भी रिकार्ड हैं वह शहरी निकायों के द्वारा टैक्स के उद्देश्य से तैयार किये गये हैं तथा मालिकाना हक के निर्धारण हेतु पर्याप्त नहीं है। नक्शा कार्यक्रम के अन्तर्गत तैयार शहरी भूमि रिकार्ड सुस्पष्ट मालिकाना हक सहित भूमि की स्थिति को स्पष्ट करेंगे। स्पष्ट मालिकाना के निर्धारण से शहरी क्षेत्र की परिसंपत्तियों के लेन-देन में धोखाधड़ी पर रोक लगेगी तथा विवाद की स्थिति में न्यायिक कार्यवाही के निस्तारण में सुगमता आयेगी। इस डाटा का प्रयोग न केवल शहरी नियोजन अपितु जनसंख्या घनत्व के अनुसार अवस्थापना सुविधा के विकास हेतु किया जा सकेगा। यह नगरपालिका राजस्व संग्रह को बढ़ाने, आपदा की तैयारी और प्रतिक्रिया को मज़बूत करने और विश्वसनीय, कानूनी रूप से प्रमाणित भूमि डेटा के माध्यम से सार्वजनिक विश्वास और निजी निवेश को बढ़ावा देने में भी योगदान देगा। भारत सरकार के अधिकारीद्वय के द्वारा प्रदेश के चयनित 10 शहरी स्थानीय निकायों के नोडल अधिकारियों के साथ भी कार्यकम कियान्वयन में जमीनी कठिनाईयों के संबंध में भी विचार विमर्श किया गया। बैठक में कुनाल सत्यार्थी, संयुक्त सचिव, भूमि संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार तथा प्रदेश की ओर से प्रमुख सचिव-राजस्व, स्टाम्प एवं निबन्धनः आयुक्त एवं सचिव, राजस्व परिषद उ०प्र० एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

ntuser1
Author: ntuser1

Share This

Post your reaction on this news

Leave a Comment

Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com