शिकोहाबाद और इटावा के पर्यटक गेस्ट हाउसों का होगा आधुनिकीकरण
ईको-टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह बोले—पर्यटकों की सुविधाएं हमारी प्राथमिकता
निश्चय टाइम्स,लखनऊ। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की पहल पर अब निष्क्रिय व अल्प-उपयोग में रहे इन दोनों पर्यटक गेस्ट हाउस को सार्वजनिक-निजी सहभागिता पीपीपी मॉडल के तहत विकसित और संचालित किए जाएंगे। इस कदम से न सिर्फ स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि राज्य में रणनीतिक निवेश के नए अवसर भी सृजित होंगे। सरकार के इस निर्णय को पर्यटन पुनर्जीवन के एक नए युग की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। पर्यटन विभाग की मानें तो इन स्थलों का आधुनिकीकरण क्षेत्रीय रोजगार, संस्कृति संरक्षण और आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में पर्यटन अधोसंरचना को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए शिकोहाबाद (फिरोजाबाद) स्थित राही पर्यटक आवास गृह और इटावा स्थित सुमेर सिंह किला पर्यटक आवास गृह को भव्य एवं विश्वस्तरीय पर्यटक सुविधाओं में बदलने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। ये दोनों अब तक निष्क्रिय व अल्प-उपयोग में रहे गेस्ट हाउस अब सार्वजनिक-निजी सहभागिता (पीपीपी) मॉडल के तहत विकसित और संचालित किए जाएंगे, जो राज्य में रणनीतिक निवेश और पर्यटन पुनर्जीवन के एक नए युग की शुरुआत है।
प्रतिस्पर्धी निविदा प्रक्रिया के माध्यम से अनुभवी निजी कंपनियों का चयन किया गया है। शिकोहाबाद के गेस्ट हाउस को 30 वर्षों की लीज पर एम/एस एच.के. बिल्डर्स को वार्षिक 17,58,000 रुपए की कन्सेशन फीस पर आवंटित किया गया है, जिसमें प्रति वर्ष 5 प्रतिशत की वृद्धि होगी। वहीं, मेसर्स अरविंद कुमार को इटावा की संपत्ति 12,11,000 रुपए की वार्षिक कन्सेशन फीस पर समान शर्तों के साथ प्रदान की गई है। इन दोनों परियोजनाओं के कन्सेशन अनुबंध सोमवार को औपचारिक रूप से संपादित किए गए।
इन पर्यटक आवासों के विकास से क्षेत्र में ईको-टूरिज्म को भी महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इटावा स्थित लायन सफारी और राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य घड़ियालों, डॉल्फ़िन और प्रवासी पक्षियों के लिए प्रसिद्ध हैं। यह स्थल प्रकृति प्रेमियों के आकर्षण का केंद्र है। वहीं, शिकोहाबाद, पटना पक्षी विहार और आगरा के सूर सरोवर पक्षी विहार जैसे उभरते इको-टूरिज्म स्थलों के निकट स्थित है, जो अपनी समृद्ध पक्षी विविधता और शांत ग्रामीण परिवेश के लिए जाने जाते हैं। उन्नत आवासीय सुविधाएं इन स्थलों तक पर्यटकों की आवाजाही बढ़ाएंगी, जिससे सतत यात्रा और संरक्षण जागरूकता को प्रोत्साहन मिलेगा।
