रंगदारी और हत्याओं से कांपता था पूर्वांचल
गोरखपुर – एक दशक से ज्यादा वक्त तक अपराध की दुनिया में खौफ का दूसरा नाम बना कुख्यात माफिया चंदन सिंह अब पूरी जिंदगी जेल की सलाखों के पीछे गुज़ारेगा। गौतमबुद्धनगर जेल में बंद इस अपराधी को अपर सत्र न्यायाधीश अवनीश कुमार राय की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही ₹52,000 का जुर्माना भी लगाया गया है।
चंदन सिंह गोरखपुर के चिलुआताल क्षेत्र के कुशहरा गांव का रहने वाला है और उस पर कुल 45 संगीन आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। इनमें 6 हत्या, 8 हत्या के प्रयास, रंगदारी और लूट जैसे गंभीर मामले शामिल हैं।
दिवाली पर युवक की हत्या बना सजा की वजह
13 नवंबर 2012 को डोहरिया बाजार में दिवाली के दिन दिनदहाड़े संतोष सिंह की हत्या के मामले में यह सजा सुनाई गई। संतोष अपने भतीजे के साथ मिठाई खरीदने आए थे, तभी चंदन ने सरेआम उन्हें दौड़ा कर गोली मार दी। इसी केस में अदालत ने उसे दोषी करार दिया। चंदन सिंह ने व्यापारी तारक जायसवाल की दुकान पर इसलिए फायरिंग की क्योंकि उसने रंगदारी देने से मना कर दिया था। वहीं, एक अन्य फायरिंग में टेम्पो चालक और राहगीर की जान चली गई। उरुवा बाजार में अधिवक्ता श्रीमंतलाल श्रीवास्तव को भी चंदन ने मौत के घाट उतार दिया।
चंदन सिंह की अपराध यात्रा 2006 में शुरू हुई, जब उसने मामूली विवाद में कॉपी-किताब बेचने वाले दुकानदार प्रेम सागर सिंह की हत्या कर दी। बाद में वह D-9 गैंग का सरगना बना, जिसमें उसका भाई नंदन सिंह समेत 18 सदस्य शामिल हैं। 2013 में संतकबीरनगर और 2016 में आगरा अस्पताल से चंदन पुलिस को चकमा देकर फरार हो चुका है। लेकिन अब कानून ने उस पर शिकंजा कस दिया है|

Author: Sweta Sharma
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