निश्चय टाइम्स, लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रविकांत एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने शासन के निर्देश पर उनके खिलाफ न्यायालय में मुकदमा चलाने की अनुमति प्रदान कर दी है। बताया जा रहा है कि डॉ. रविकांत ने हाल ही में एक सोशल मीडिया पोस्ट में उन महिलाओं को “संघ विचारधारा से प्रेरित” बताया था, जिन्होंने अपने पतियों की हत्या की है।
इस आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर छात्र कार्तिक पांडेय ने उनके विरुद्ध थाना स्तर पर आपराधिक मुकदमा दर्ज कराने की मांग की थी। डॉ. रविकांत पहले भी अपने समाज-विरोधी बयानों के कारण चर्चा में रहे हैं। उनकी इस ताजा टिप्पणी का व्यापक विरोध हुआ है। लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ समेत कई वरिष्ठ शिक्षकों ने इसे आपत्तिजनक बताते हुए सार्वजनिक तौर पर विरोध दर्ज किया है। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए कानूनी प्रक्रिया अपनाई जा रही है। यह घटनाक्रम विश्वविद्यालय परिसर में विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाम मर्यादा व सामाजिक जिम्मेदारी की बहस को एक बार फिर तेज कर गया है।
