दुग्ध समितियों का गठन न करने एवं दुग्ध उपार्जन में कमी के कारण आजमगढ़ एवं प्रयागराज दुग्ध संघ के महाप्रबंधक पर कार्यवाही के निर्देश
दुग्ध संघ मिर्जापुर, चित्रकूट, बस्ती, गोण्डा, कानपुर नगर, मेरठ तथा मुजफ्फरनगर के महाप्रबंधकों को सख्त चेतावनी जारी करने के निर्देश
किसानों का बकाया दुग्ध मूल्य भुगतान समय से सुनिश्चित किया जाए
’समन्वय, संवाद एवं सहकार’ के मूलमंत्र के साथ अधिकारी कार्य करे
निश्चय टाइम्स, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने दुग्ध समितियों का गठन न करने एवं दुग्ध उपार्जन में कमी के कारण दुग्ध संघ आजमगढ़ एवं प्रयागराज के महाप्रबंधक के खिलाफ कार्यवाही करने के आदेश दिये है। इसके साथ ही दुग्ध उपार्जन एवं अन्य लक्ष्यों में अपेक्षित प्रगति न किए जाने पर दुग्ध संघ मिर्जापुर, चित्रकूट, बस्ती, गोण्डा, कानपुर नगर, मेरठ तथा मुजफ्फरनगर के महाप्रबंधकों को सख्त चेतावनी जारी करने के निर्देश दिए हैं। श्री सिंह ने कहा कि किसी भी योजना में लक्ष्य प्राप्ति या विलम्ब होने पर संबंधित का तत्काल वेतन रोक दिया जायेगा और सख्त कार्यवाही की जायेगी। प्रत्येक दशा में सभी किसानों का शत-प्रतिशत बकाया दुग्ध मूल्य भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
धर्मपाल सिंह की अध्यक्षता में आज यहां पी0सी0डी0एफ0 सभागार में प्रदेश के सभी दुग्ध संघों के अध्यक्ष एवं महाप्रबंधकों के साथ गत तीन माह के कार्यों की समीक्षा बैठक आहूत की गई। श्री सिंह ने प्रदेश को 01 ट्रिलियन डॉलर इकोनामी बनाने के लक्ष्य की पूर्ति के लिए विभाग को ’समन्वय, संवाद एवं सहकार’ के मूलमंत्र के साथ कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि सभी महाप्रबंधक नई समितियां बनाये और समिति के सदस्यों को विभाग द्वारा स्वदेशी गौपालन हेतु संचालित योजनाओं का लाभ उठाने हेतु प्रोत्साहित करे। सभी जीएम पराग के उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करे और इसमें कोई समझौता न किया जाए। पराग के सभी उत्पाद पराग बूथों पर उपलब्ध हो और सभी मिल्क बूथ कार्मिशियल मोड पर संचालित किये जाए। पूरे प्रदेश में पराग के उत्पादों की पैकेजिंग में एकरूपता रखी जाए।

श्री सिंह ने कहा कि महाप्रबंधक दुग्ध संघों की हानि को कम करने का भरपूर प्रयास करे और दुग्ध संघों को सुदृढ़ करे। मार्केटिंग के कार्यों पर विशेष ध्यान दे। उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादन में वृद्धि करने के लिए समितियों की संख्या निरंतर बढ़ाकर उन्हें मजबूत किया जाए। निष्क्रिय समितियों को क्रियाशील कर उन्हें संचालित किया जाए। वर्तमान में संचालित समितियों को किसी भी कारण से बंद न होने पाए। किसानों एवं पशुपालकों का हित राज्य सरकार की प्राथमिकता में है और इन कार्यों के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की लापरवाही या उदासीनता न बरती जाए। पशुपालकों एवं किसानों को प्रशिक्षित किया जाए और उन्हें दुग्ध उत्पादक की नई तकनीको व नई जानकारियों से सांझा कराने का कार्य किया जाए ताकि प्रति पशु दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि हो सके। श्री सिंह ने प्रदेश के सभी दुग्ध महासंघों के महाप्रबंधकों से गठन/पुनर्गठन के सापेक्ष संचालित दुग्ध समितियां, दुग्ध समितियों के भ्रमण, डेयरी प्लांट की उपयोगिता क्षमता, दुग्ध उपार्जन तरल दुग्ध बिक्री बकाया एवं दुग्ध मूल्य भुगतान की स्थिति के संबंध में विस्तृत समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
बैठक में पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमित कुमार घोष ने मंत्री को आश्वस्त करते हुए कहा कि किसानां एवं पशुपालकों को दुग्ध मूल्य के भुगतान में कोई विलम्ब नहीं किया जायेगा। उन्होंने अधिकारियों को समितियों की संख्या बढ़ाये जाने के संबंध में पूर्ण गंभीरता एवं तत्परता से कार्य किये जाने के निर्देश दिये। प्रमुख सचिव ने कहा कि निर्धारित अवधि में लक्ष्य न पूरा करने, भुगतान जीरो पेमेंट न आने और निरन्तर संघ के हानि में रहने पर अधिकारी कड़ी कार्यवाही के लिए तैयार रहे। बैठक में पीसीडीएफ के प्रबंध निदेशक वैभव श्रीवास्तव, दुग्ध आयुक्त राकेश कुमार मिश्रा, पीसीडीएफ के डा0 मनोज तिवारी, नयन तारा, डा0 राम सागर सहित शासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
Author: Sweta Sharma
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