आतंक के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई और ग्लोबल साउथ की आवाज उठाई
कनाडा के कनानास्किस में आयोजित जी7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से निर्णायक कदम उठाने की अपील की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि आतंक का समर्थन करने वाले देशों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को पूरी मानवता पर हमला करार दिया और भारत को मिले वैश्विक समर्थन के लिए आभार जताया।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने दुनियाभर में जारी संघर्षों और अनिश्चितता की स्थिति को लेकर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि इन हालातों का सबसे बड़ा असर ग्लोबल साउथ के देशों पर पड़ा है और भारत ने उनकी आवाज को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मजबूती से उठाने की जिम्मेदारी ली है। भारत की ऊर्जा सुरक्षा नीति पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ऊर्जा सुरक्षा भविष्य की बड़ी चुनौती है। इस दिशा में भारत ‘उपलब्धता, पहुंच, सामर्थ्य और स्वीकार्यता’ जैसे चार स्तंभों पर आधारित नीति अपना रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ने न केवल अपनी पेरिस जलवायु प्रतिबद्धताओं को समय से पहले पूरा किया है, बल्कि इंटरनेशनल सोलर एलायंस, ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस, वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड जैसे अभियानों के माध्यम से टिकाऊ और हरित भविष्य की दिशा में वैश्विक प्रयासों का नेतृत्व किया है।
पीएम मोदी ने टेक्नोलॉजी और एआई के मानवीय उपयोग पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि भारत का मानवीय केंद्रित दृष्टिकोण तकनीक को आम लोगों के जीवन में मूल्य जोड़ने का माध्यम मानता है, न कि केवल आर्थिक या औद्योगिक उपकरण।

Author: Sweta Sharma
I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.