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नोबेल नहीं मिलेगा, चाहे कुछ भी करूं: ट्रंप

पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर ने अमेरिका दौरे में ट्रंप से मुलाकात के बाद नोबेल शांति पुरस्कार के लिए उनका नाम प्रस्तावित किया; ट्रंप बोले—”मैंने शांति के कई प्रयास किए, फिर भी मुझे नोबेल क्यों नहीं?”

निश्चय टाइम्स, डेस्क। पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने हाल ही में अमेरिका का दौरा किया, जहां उनकी मुलाकात अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से हुई। इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने साझा लंच किया और कई मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। चर्चा के बाद जो बात सबसे ज्यादा सुर्खियों में रही, वो थी जनरल मुनीर की ओर से डोनाल्ड ट्रंप के लिए नोबेल शांति पुरस्कार की सिफारिश। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार ने औपचारिक रूप से ट्रंप के नाम को नोबेल पुरस्कार के लिए नामित भी किया है। इससे यह संकेत मिलता है कि खुद ट्रंप भी इस पुरस्कार को पाने के इच्छुक हैं। कई मौकों पर वे सार्वजनिक रूप से इस विषय पर अपनी राय रख चुके हैं। हाल ही में ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रूथ सोशल’ पर इस मुद्दे को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने लिखा कि उन्होंने वैश्विक स्तर पर शांति स्थापित करने की दिशा में कई अहम कदम उठाए हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें आज तक नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिला।

विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की यह नाराजगी आंशिक रूप से बराक ओबामा से प्रेरित है। दरअसल, ओबामा को उनके राष्ट्रपति बनने के महज 9 महीने के भीतर 2009 में नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया था। उन्हें यह पुरस्कार अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और लोगों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के प्रयासों के लिए मिला था। डोनाल्ड ट्रंप अब उसी सूची में अपना नाम देखना चाहते हैं जहां नेल्सन मंडेला, मलाला यूसुफजई और बराक ओबामा जैसे नाम शामिल हैं। ट्रंप के समर्थक मानते हैं कि मध्य पूर्व में शांति समझौते, उत्तर कोरिया के साथ संवाद और अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी जैसे फैसले उन्हें इस प्रतिष्ठित पुरस्कार का हकदार बनाते हैं।

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Author: ntuser1

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