भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI), बरेली में सोमवार को आयोजित 11वें दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने छात्रों को न केवल उपाधियां प्रदान कीं, बल्कि एक संवेदनशील और प्रेरणादायक संदेश भी दिया। राष्ट्रपति ने कहा कि पशु चिकित्सक या शोधकर्ता के रूप में छात्रों की जिम्मेदारी सिर्फ पेशे तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसमें बेजुबान पशुओं के प्रति करुणा और सेवा की भावना भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “पशु और मानव का रिश्ता सिर्फ उपयोग का नहीं, बल्कि परिवार का है। ये हमारे जीवन का धन हैं और हमारी संस्कृति हर जीव में ईश्वर की उपस्थिति को मानती है।”
इस समारोह में 2021 से 2024 तक के 576 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गईं, जिनमें आठ स्वर्ण पदक भी दिए गए — और इनमें से पांच छात्राओं को मिले। राष्ट्रपति ने बढ़ती उपभोगवादी संस्कृति पर चिंता जताते हुए कहा कि कोरोना महामारी ने यह स्पष्ट कर दिया कि प्रकृति से छेड़छाड़ मानव और जीव-जंतुओं दोनों के लिए विनाशकारी हो सकती है। उन्होंने गांवों में घरेलू पशुओं की घटती संख्या और जमीन की उर्वरता खत्म होने के खतरे पर भी प्रकाश डाला।
राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से अपील की कि वे अपने ज्ञान और संवेदनशीलता का उपयोग केवल कैरियर के लिए नहीं, बल्कि पशु कल्याण को एक नैतिक दायित्व मानकर करें। इस गरिमामयी अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

Author: Sweta Sharma
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