[the_ad id="4133"]
Home » इंडिया » उत्तर प्रदेश » खरीफ फसलों के लिए 31 जुलाई तक फसल-बीमा करा सकते हैं किसान

खरीफ फसलों के लिए 31 जुलाई तक फसल-बीमा करा सकते हैं किसान

धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, उर्द, मूग, अरहर, मूंगफली, सोयाबीन एवं तिल का बीमा कराने के लिए तय की गई तारीख

72 घंटे के अंदर फसल बीमा सेंटर, कृषि विभाग, फसल बीमा हेल्प लाइन नंबर पर किसानों को देनी होगी सूचना

प्रीमियम का केवल 2 फीसदी भुगतान करना होगा किसानों को, शेष धनराशि का केंद्र व राज्य सरकारें करेंगी भुगतान

फसल बीमा हेल्प लाइन नम्बर-14447 पर संपर्क कर ले सकते हैं सहायता

डबल इंजन सरकार किसानों के हर संकट में सारथी बन रही है। सरकार किसानों को फसलों से संबंधी नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए सदैव तत्पर है। धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, उर्द, मूग, अरहर, मूंगफली, सोयाबीन एवं तिल का बीमा कराने के लिए तिथि तय की गई है। किसान 31 जुलाई तक फसलों की बीमा करा सकते हैं। क्षतिपूर्ति/क्लेम के साथ-साथ पंजीकरण में मदद, दस्तावेज संबंधी मार्गदर्शन के लिए किसान फसल बीमा हेल्प लाइन नम्बर-14447 पर संपर्क कर सकते हैं। गौरतलब है कि खरीफ फसलों के लिए बीमा का प्रीमियम दो फीसदी किसानों एवं शेष धनराशि का केंद्र- राज्य सरकार द्वारा भुगतान किया जाता है। इस संबंध में प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने किसानों से अपील की है कि सभी किसान इस बीमा योजना का लाभ उठाएं।

किसानों को होने वाली क्षतिपूर्ति में मददगार साबित होती है योजना
किसानों की आय का मुख्य साधन फसलें ही होती हैं। इसी उद्देश्य से फसलों में कृषि निवेश का प्रयोग कर अधिकतम उत्पादन प्राप्त करते हुए लाभ की प्राप्ति के लिए किसानों द्वारा खेती की जाती है परंतु आसामयिक प्रतिकूल मौसमी स्थितियों के कारण यथा कीट एवं बीमारियों का प्रकोप, सूखा, बाढ़, तूफान, ओलावृष्टि के साथ ही असफल बुवाई आदि की स्थिति में किसानों की क्षतिपूर्ति हेतु प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना संचालित है। यह योजना किसानों को फसल की क्षति से सुरक्षा प्रदान करती है। इसका प्रमुख उद्देश्य कृषकों की आय को स्थिर बनाये रखना है। यह योजना उ.प्र. के सभी 75 जनपदों मे क्रियान्वित की जा रही है। फसल बीमा के द्वारा कृषकों को उनके उत्पादन मूल्य की सुनिश्चितता न्यूनतम प्रीमियम में अधिक कवरेज प्रदान करता है, जो प्राकृतिक आपदा के बाद सहायता, फसल उत्पादन जोखिम से सुरक्षा, कृषि ऋण चुकाने आदि में सहायक होता है तथा कृषि क्षेत्र में स्थायित्व आदि जैसे आर्थिक लाभ कृषकों को इस योजना के माध्यम से मिलते हैं।

www.pmfby.gov.in पर किया जा सकता है पंजीकरण
कृषकों को फसल बीमा कराने हेतु आवश्यक दस्तावेज के रूप मे आधार कार्ड, खतौनी, बैक पासबुक एवं बीमा कराई जाने वाली फसल का विवरण आवश्यक है। फसल बीमा बैंक, कामन सर्विस सेंटर या ऑनलाइन पोर्टल www.pmfby.gov.in पर स्वयं से भी पंजीकरण किया जा सकता है। वर्तमान में जनपद में अधिसूचित फसलों (धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, उर्द, मूग, अरहर, मूंगफली, सोयाबीन एवं तिल) का बीमा 31 जुलाई तक कराया जा सकता है। समस्त खरीफ फसलों के लिए बीमा का प्रीमियम 2 फीसदी किसानों द्वारा तथा शेष धनराशि केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा भुगतान की जाती है। सरकार ने किसानों से अपील की है कि उक्त तिथि से पहले अधिसूचित फसलों का बीमा कराकर अधिक से अधिक योजना का लाभ प्राप्त करें।

72 घंटे के अंदर दें क्षति की सूचना
बीमा कराते समय वास्तविक फसल एवं भूमि का ही उल्लेख करें, जिससे क्षति के उपरांत बीमा कंपनी एवं कर्मचारी द्वारा सर्वे के समय विपरीत परिस्थिति उत्पन्न न हो सके। किसान अपनी फसल क्षति की सूचना 72 घंटे के अन्दर नजदीकी फसल बीमा सेंटर, कृषि विभाग अथवा फसल बीमा हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से करें, जिससे फसल बीमा का लाभ समय से प्राप्त हो सके। किसान क्षतिपूर्ति/क्लेम के साथ-साथ पंजीकरण मे मदद, दस्तावेज संबंधित मार्गदर्शन के लिए फसल बीमा हेल्प लाइन नम्बर-14447 पर संपर्क कर सकते हैं। हेल्पलाइन नंबर पर काल करने से पहले किसान अपना आधार, कृषक आईडी, खेत एवं फसल से संबंधित जानकारी/प्रपत्र अवश्य अपने पास रखें।

Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

Share This

Post your reaction on this news

Leave a Comment

Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com