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डायरिया से डरें नहीं सतर्क रहें, रोकथाम व उपचार पूरी तरह संभव: डॉ. पिंकी जोवल

• डायरिया रोको अभियान के अंतर्गत डायरिया के प्रति जागरूकता के लिए प्रचार वाहन को किया गया रवाना, ओआरएस कार्नर का शुभारम्भ।

डायरिया के प्रति जागरूकता के लिए प्रदेश में संचालित डायरिया रोको अभियान (स्टॉप डायरिया कैंपेन) के अंतर्गत बृहस्पतिवार को नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, इंदिरा नगर से प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तर प्रदेश की मिशन निदेशक डॉ0 पिंकी जोवल ने रवाना किया।

डायरिया से बचाव, कारण, उपचार और रोकथाम सम्बन्धी संदेशों वाले पोस्टर/बैनर और ऑडियो/वीडियो से सुसज्जित यह प्रचार वाहन राजधानी के विभिन्न क्षेत्रों में पहुंचकर समुदाय में डायरिया के प्रति जन जागरूकता लाएंगे। मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उ0प्र0 डा0 पिंकी जोवल ने इस मौके पर ओआरएस/जिंक कार्नर और हस्ताक्षर अभियान का भी शुभारम्भ किया। उन्होंने पौधरोपण कर इस दिशा में सभी से आगे आने का आह्वान भी किया। इस अवसर पर उन्होंने यह भी कहा कि आज भी शून्य से पांच साल तक के बच्चों की मौत का एक प्रमुख कारण डायरिया है, जबकि दस्त की रोकथाम और उपचार पूरी तरह संभव है। इसलिए डायरिया से डरने की नहीं बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है। बच्चे को दिन भर में तीन या तीन से अधिक बार दस्त हो तो समझना चाहिए कि बच्चा डायरिया से ग्रसित है और ऐसे में उसको तत्काल ओआरएस का घोल देना चाहिए ताकि शरीर में पानी और नमक की कमी न होने पाए, साथ ही निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करना चाहिए। इसके साथ ही जिंक टैबलेट उम्र के अनुसार निर्धारित खुराक और निर्धारित अवधि तक देना शुरू कर देना चाहिए। ओआरएस जहाँ शरीर में पानी की कमी को दूर करता है वहीँ जिंक दस्त की अवधि को कम करता है। इसके साथ ही बच्चे की इम्युनिटी को भी मजबूत बनाता है। डायरिया के दौरान यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि मां का दूध पीने वाले बच्चे को दस्त के दौरान भी स्तनपान जारी रखें। मां का दूध बच्चे को पोषण और ताकत देता है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी, लखनऊ, डॉ0 एन0बी0 सिंह ने कहा कि बारिश और उमस में बच्चा डायरिया की चपेट में कई कारणों से आ सकता है, जैसे- दूषित जल पीने से, दूषित हाथों से भोजन बनाने या बच्चे को खाना खिलाने, खुले में शौच करने या बच्चों के मल का ठीक से निस्तारण न करने आदि से। इसलिए शौच और बच्चों का मल साफ करने के बाद, भोजन बनाने और खिलाने से पहले हाथों को साबुन-पानी से अच्छी तरह अवश्य धुलें।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उ0प्र0 के महाप्रबंधक- बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम डॉ0 मिलिंद वर्धन ने कहा कि डायरिया के प्रति समुदाय स्तर पर जनजागरूकता बढ़ाने और लोगों को ओआरएस और जिंक की महत्ता को भलीभांति समझाने के लिए पूरे प्रदेश में 16 जून से 31 जुलाई तक वृहद स्तर पर स्टॉप डायरिया कैम्पेन चलाया जा रहा है। अभियान का उद्देश्य बच्चों में डायरिया की रोकथाम, ओआरएस व जिंक के उपयोग को प्रोत्साहन और जनसामान्य में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाना है। इसके तहत जिलों में विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं, जिसमें विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाएं भी स्वास्थ्य विभाग का सहयोग कर रही हैं।

इस मौके पर अपर निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ0 शारदा चैधरी, जिला स्वास्थ्य, शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी, सीएचसी इंदिरानगर के अधीक्षक डॉ0 मयंक जलोटे, पीएसआई इंडिया से समरेन्द्र बेहरा, अमित कुमार, मीनाक्षी दीक्षित, अनिल द्विवेदी, प्रवीण दीक्षित, मनोज कुमार आदि उपस्थित रहे।

Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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