- कुपोषण मुक्त बचपन की दिशा में राज्य सरकार का सशक्त कदम
- स्टंटिंग की दर में कमी लाने हेतु 100 आंगनवाड़ी केंद्रों पर विशेष निरीक्षण अभियान
- प्रत्येक केंद्र पर निगरानी के लिए 100 नोडल अधिकारी नामित – राज्यभर में एकसमान क्रियान्वयन
- नोडल अधिकारियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण – ग्रोथ मॉनिटरिंग और पोषण ट्रैकिंग पर फोकस
- प्रदेश के सभी 75 जिलों में 100 आंगनबाड़ी केंद्रो का जिलाधिकारी/मुख्य विकास अधिकारी ने किया निरीक्षण
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु राज्य में कुपोषण को समाप्त करने और बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर को बेहतर बनाने के उद्देश्य से संगम अभियान 5.0 का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य राज्य में 5 वर्ष तक की आयु के बच्चों में अतिगम्भीर कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन एवं चिकित्सीय उपचार तथा स्टंटिंग (नाटापन) की दर में प्रभावी कमी लाना है। कुपोषण की समस्या न केवल बच्चों के शारीरिक विकास को बाधित करती है, बल्कि उनके मानसिक विकास को भी प्रभावित करती है। मुख्यमंत्री जी की प्रेरणा से राज्यव्यापी संभव अभियान के पाँचवें संस्करण संभव 5.0 (2025) का राज्य स्तरीय भव्य शुभारंभ श्रीमती बेबी रानी मौर्य मंत्री महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार तथा श्रीमती प्रतिभा शुक्ला राज्य मंत्री महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार द्वारा 07 जुलाई, 2025 को लखनऊ में किया गया।
उत्तर प्रदेश शासन बाल विकास एवं पुष्टाहार अनुभाग के पत्र संख्या 2423 दिनांक 09 जुलाई, 2025 व निदेशालय पत्र संख्या सी-607 09 जुलाई 2025 द्वारा समस्त जिलाधिकारियों से अपेक्षा की गयी कि बच्चों के पोषण सम्बन्धी मूल्यांकन के लिये सम्भव अभियान 5.0 के अन्तर्गत सर्वाधिक स्टंटिंग (नाटापन) वाले प्रति जनपद 100 आंगनबाड़ी केन्द्रों के सघन निरीक्षण (स्टंटिंग की पहचान, निगरानी और न्यूट्रिशन ट्रैकिंग पर विशेष कार्य) के लिये जिलाधिकारी के स्तर से प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र हेतु ब्लाक/जनपद स्तर के 100 अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित किया गया। 14 जुलाई 2025 को समस्त नोडल अधिकारियों को निदेशालय द्वारा जूम वेबिनार के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।

समस्त जिलाधिकारियों के नेतृत्व में इस कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिये आज 15 जुलाई 2025 को पूरे राज्य में स्टंटिंग की पहचानए निगरानी और न्यूट्रिशन ट्रैकिंग पर विशेष मापन एवं निगरानी अभियान संचालित किया जा रहा है। नोडल अधिकारियों द्वारा चयनित आंगनवाड़ी केन्द्र पर जाकर ग्रोथ मॉनिटरिंग प्रक्रिया की सघन निगरानी की जा रही है। इस अवसर पर विभिन्न जनपद के जिलाधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी व अन्य अधिकारी भी आंगनवाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण कर रहे हैं।
नोडल अधिकारियों द्वारा किये गये निरीक्षण में प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में प्रतिमाह आयोजित होने वाली जिला पोषण समिति की बैठक में नोडल अधिकारी के साथ स्टंटिंग के सम्बन्ध में विस्तार से समीक्षा की जायेगी एवं स्टंटिंग की दर में सुधार के सकारात्मक परिणाम के आधार पर आंगनवाड़ी केंद्रों को चिन्हित कर अन्य केंद्रों के लिए मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।






