दोनों घटनाएं कथित तौर पर सार्वजनिक प्राधिकारियों की लापरवाही को दर्शाती हैं
दिल्ली के मामले में आयोग ने मुख्य सचिव, पुलिस आयुक्त और नगर निगम आयुक्त को नोटिस जारी किया
ग्रेटर नोएडा की घटना में आयोग ने जीएनडीए के अध्यक्ष और गौतमबुद्ध नगर के पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी किया
प्राधिकारियों को विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया
निश्चय टाइम्स, डेस्क। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने 7 जुलाई, 2025 को दिल्ली-एनसीआर के गौतमबुद्ध नगर जिले के ग्रेटर नोएडा और दिल्ली में दो लड़कों के डूबने की कथित घटनाओं का स्वतः संज्ञान लिया है। दिल्ली में यह घटना उत्तर-पश्चिम जिले के महेंद्र पार्क इलाके में 4 साल के एक बच्चे की खुले नाले में गिरने से मौत से संबंधित है। राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न हिस्सों में हाल ही में खुले नालों या मैनहोल में गिरकर लोगों की मौत के ऐसे कई मामले सामने आए हैं।
दूसरी घटना उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा स्थित एक पार्क से संबंधित है, जिसमें पार्क के अंदर बने जलाशय में छह साल का एक बच्चा डूब गया था। बताया जा रहा है कि निवासियों ने ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण (जीएनडीए) को पार्क के फव्वारा क्षेत्र में जलभराव की सूचना पहले ही दे दी थी, लेकिन संबंधित अधिकारियों ने इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की। आयोग ने कहा है कि दोनों घटनाओं में मीडिया रिपोर्टों की सामग्री, यदि सत्य है, तो यह मानवाधिकारों के उल्लंघन से संबंधित गंभीर मुद्दा है। आयोग ने दिल्ली में हुई घटना के संबंध में मुख्य सचिव, पुलिस आयुक्त और दिल्ली नगर निगम आयुक्त को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसके अलावा, ग्रेटर नोएडा में हुई घटना में आयोग ने ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण (जीएनडीए) के अध्यक्ष और गौतमबुद्ध नगर के पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
