निश्चय टाइम्स, डेस्क। संसद के मानसून सत्र से पहले रविवार को केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें विपक्षी दलों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण, ओडिशा में कानून-व्यवस्था और पहलगाम आतंकवादी हमले जैसे अहम मुद्दे उठाए। सरकार ने विपक्ष से संसद के सुचारू संचालन में सहयोग की अपील की। बैठक की अध्यक्षता राज्यसभा में नेता सदन जे.पी. नड्डा ने की, जबकि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू और अर्जुन राम मेघवाल ने सरकार का प्रतिनिधित्व किया। इस बैठक में कांग्रेस के गौरव गोगोई और जयराम रमेश, राकांपा की सुप्रिया सुले, द्रमुक के टी. आर. बालू, और आरपीआई (ए) के रामदास आठवले सहित कई सांसदों ने भाग लिया।
संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलेगा, जिसमें कुल 21 बैठकें निर्धारित हैं। 12 से 18 अगस्त के बीच कोई बैठक नहीं होगी। बैठक के बाद कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि सरकार से उम्मीद है कि वह पहलगाम आतंकी हमले, रक्षा नीति और विदेश मामलों जैसे गंभीर मुद्दों पर जवाब देगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इन विषयों पर सदन में अपना पक्ष रखना चाहिए, खासकर सेना और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर।
आप नेता संजय सिंह ने बिहार में मतदाता सूची के कथित ‘चुनावी घोटाले’ और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाक युद्धविराम पर की गई मध्यस्थता संबंधी टिप्पणी को उठाया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि INDIA गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए है और आम आदमी पार्टी विधानसभा चुनाव अपने स्तर पर लड़ेगी। सर्वदलीय बैठक में एनसीपी (शरद पवार गुट) से सुप्रिया सुले, शिवसेना (शिंदे गुट) से श्रीकांत शिंदे और शिवसेना (उद्धव गुट) से अरविंद सावंत शामिल हुए। हालांकि, अजित पवार गुट का कोई नेता बैठक में उपस्थित नहीं था। सुनील तटकरे पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के चलते शामिल नहीं हो सके।





