लखनऊ, निश्चय टाइम्स। उत्तर प्रदेश एटीएस ने धर्मांतरण के मुख्य आरोपी जलालुद्दीन उर्फ छांगुर के करीबी लोगों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। इसी कड़ी में एटीएस ने उसके सहयोगी राजेश उपाध्याय को लखनऊ से गिरफ्तार किया है। राजेश बलरामपुर कोर्ट में पेशकार के पद पर तैनात था। राजेश पर आरोप है कि वह कोर्ट में छांगुर के निर्देश पर मामलों को प्रभावित करता था। इसके अलावा, वह छांगुर के लिए जमीन की खरीद-फरोख्त भी करता था और उसे इसके लिए फंडिंग दी जाती थी। जांच में यह भी सामने आया है कि छांगुर ने राजेश की पत्नी संगीता उपाध्याय को पुणे स्थित एक प्रॉपर्टी में साझीदार बनाया था, जिससे संगीता को मुनाफा भी हुआ। गिरफ्तारी के बाद राजेश को कोर्ट में पेश किया गया, जहाँ से उसे जेल भेज दिया गया। एटीएस की टीम अभी बलरामपुर में सक्रिय है और आगे भी गिरफ्तारियां संभव हैं।
इससे पहले शुक्रवार को एटीएस ने छांगुर का एक और करीबी रशीद शाह को गिरफ्तार किया था। रशीद बलरामपुर के उतरौल क्षेत्र के मधपुर गांव का रहने वाला है। रशीद पर वर्ष 2023 में भी आजमगढ़ जिले के चिरकिहट गांव में दो युवतियों का धर्मांतरण कराने के आरोप में केस दर्ज हुआ था। तब उसे 17 साथियों के साथ गिरफ्तार किया गया था। रशीद, मास्टरमाइंड छांगुर के इशारे पर अवैध धर्मांतरण कराता था। इस पूरे नेटवर्क में छांगुर के साथ पहले ही नीतू, नवीन और महबूब की गिरफ्तारी हो चुकी है। एटीएस की जांच अभी जारी है।
