लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान इन दिनों खासे मुखर दिखाई दे रहे हैं—और हैरानी की बात ये है कि उनका निशाना उनकी ही सरकार के मुखिया नीतीश कुमार हैं। बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, और चिराग बार-बार राज्य की बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर नीतीश सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। सवाल उठता है—क्या चिराग पासवान सचमुच जनता की आवाज़ उठा रहे हैं, या फिर ये है कोई रणनीतिक सियासी शतरंज?
तेजस्वी यादव का पलटवार: सरकार में रहकर विरोध क्यों?
राजद नेता तेजस्वी यादव ने चिराग पर तीखा तंज कसते हुए कहा, “वो सरकार के अंग हैं, फिर सरकार पर सवाल क्यों?” तेजस्वी ने यह भी कहा कि बिहार में अपराधियों का बोलबाला है, लेकिन चिराग खुद केंद्र में मंत्री हैं और उनके पास पाँच सांसद हैं, फिर भी खुद को कमजोर क्यों समझते हैं? तेजस्वी का आरोप है कि चिराग केवल कुर्सी से प्रेम करते हैं, और अगर सच में बिहार की स्थिति खराब है तो एनडीए से अलग क्यों नहीं होते?
‘प्रशासन अपराधियों के आगे झुक गया है’ – चिराग पासवान
चिराग का आरोप है कि बिहार में अपराध अब श्रृंखलाबद्ध हो गया है और प्रशासन अपराधियों के सामने पूरी तरह से नतमस्तक दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि सरकार कार्रवाई तो करती है, लेकिन अपराध रोक पाने में विफल है। अगर यही हाल रहा तो राज्य में भयावह स्थिति बन सकती है।
Author: Sweta Sharma
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