नई दिल्ली। संसद में सोमवार को एक बार फिर जोरदार हंगामा देखने को मिला। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इस हंगामे के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि विपक्ष बिना वजह “ऑपरेशन सिंदूर” पर चर्चा से भाग रहा है।
रिजिजू ने संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा, “सभी दलों की सहमति से तय हुआ था कि आज दोपहर 12:15 बजे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा शुरू होगी। सत्ता पक्ष और विपक्ष – दोनों मिलकर चर्चा के लिए तैयार थे, और 16 घंटे का समय भी तय किया गया था।”
लेकिन चर्चा से ठीक 10 मिनट पहले, विपक्षी दलों ने नई शर्तें रख दीं। रिजिजू ने बताया, “विपक्ष ने कहा कि सरकार पहले यह वादा करे कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद ‘एसआईआर’ (बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण) पर चर्चा की जाएगी, तभी वे चर्चा में भाग लेंगे। संसद ऐसे नहीं चलती।” उन्होंने कहा कि संसद की कार्यप्रणाली तय नियमों और बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) की बैठक के जरिए होती है। “अगर हर बार कोई दल अपनी शर्तें चर्चा के समय पर लाकर रखेगा, तो यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया का अपमान होगा,” रिजिजू ने कहा।
केंद्रीय मंत्री ने विपक्ष पर सीधा हमला करते हुए सवाल उठाया, “कांग्रेस और विपक्षी दल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दे पर चर्चा से क्यों भाग रहे हैं?” उन्होंने कहा कि इस विषय पर पूरे देश की निगाहें टिकी हैं और चर्चा से पीछे हटना दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे पहले दिन में, विपक्ष ने बिहार की मतदाता सूची (SIR) के मुद्दे पर संसद में चर्चा की मांग की थी और इसे लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया था।
रिजिजू के बयान के बाद यह स्पष्ट है कि संसद का मानसून सत्र भी गतिरोध और राजनीतिक रणनीतियों से प्रभावित हो रहा है। जहां सरकार ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर संवाद चाहती है, वहीं विपक्ष SIR को प्रमुख मुद्दा बनाने की कोशिश में है।

Author: Sweta Sharma
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