“ये रहे चीन गुरु”, डोकलाम पर चीनी राजदूत से ली थी ट्यूशन
कांग्रेस पर चीन से संदिग्ध संबंधों के आरोप, विदेश मंत्री ने उठाए सवाल
नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर परोक्ष हमला करते हुए उन्हें “चीन गुरु” करार दिया। जयशंकर ने कहा कि कांग्रेस नेता डोकलाम जैसे संकट के दौरान भारत सरकार से जानकारी लेने के बजाय चीनी राजदूत से “निजी ट्यूशन” लेना पसंद करते हैं।
जयशंकर ने 2017 के डोकलाम गतिरोध का ज़िक्र करते हुए कहा कि जब भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने थीं, तब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने विदेश मंत्रालय से ब्रीफिंग लेने के बजाय चीनी दूत से मुलाकात की। उन्होंने कहा, “ये रहे चीन गुरु। कुछ लोगों को ओलंपिक की यात्रा से चीन का ज्ञान मिला, कुछ ने अपने घर में चीनी राजदूत से ट्यूशन ली।” बिना राहुल गांधी का नाम लिए जयशंकर ने आगे कहा, “चीन गुरु कहते हैं कि पाकिस्तान और चीन के बीच संबंध गहरे हैं। हमें यह पता है, और हम इससे निपट रहे हैं। पर ये संबंध रातोंरात नहीं बने, अगर ऐसा लगता है तो शायद इतिहास की कक्षा में नींद आ गई थी।”
जयशंकर ने कांग्रेस पर चीन के साथ संदिग्ध समझौतों का आरोप दोहराते हुए कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी का चीन के साथ लंबे समय से संबंध रहा है, जिसने भारत की संप्रभुता और रणनीतिक स्थिति को नुकसान पहुंचाया। उन्होंने 1962 के भारत-चीन युद्ध का हवाला देते हुए कांग्रेस काल की नीतियों को भारत के क्षेत्रीय नुकसान का कारण बताया। विदेश मंत्री के इस बयान से एक बार फिर संसद में कांग्रेस और भाजपा के बीच चीन नीति को लेकर टकराव तेज हो गया है।

Author: Sweta Sharma
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