राम मनोहर लोहिया अस्पताल में ली अंतिम सांस |
अनुच्छेद 370 के फैसले के समय थे जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल
जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल और अनुभवी राजनेता चौधरी सत्यपाल मलिक का मंगलवार दोपहर 1:12 बजे दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में निधन हो गया। वह 79 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन की जानकारी उनके आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल से साझा की गई, जिसमें लिखा गया – “पूर्व गवर्नर चौधरी सत्यपाल सिंह मलिक जी नहीं रहे।”
सत्यपाल मलिक लंबे समय से अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थे और कई बीमारियों से जूझ रहे थे। उनके निधन की खबर से राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
मलिक ने अपने राजनीतिक करियर में लोकसभा और राज्यसभा दोनों का प्रतिनिधित्व किया और बिहार, ओडिशा, गोवा, मेघालय और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में राज्यपाल की जिम्मेदारी निभाई। 2019 में जब केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 और 35A को हटाकर जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा खत्म किया, उस वक्त मलिक वहां के राज्यपाल थे। इसके बाद वह नवगठित केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल बनाए गए।
एक संयोग यह भी है कि आज से ठीक छह साल पहले, 5 अगस्त 2019 को ही जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाया गया था।
सत्यपाल मलिक अपनी स्पष्टवादिता और सत्ता के खिलाफ सच बोलने के साहस के लिए भी पहचाने जाते थे। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, “भारतीय राजनीति ने एक ऐसा व्यक्तित्व खोया है जो सत्ता के सामने भी सच बोलने का साहस रखता था।”
केजरीवाल ने कहा कि मलिक निडर नेता थे, जो देशहित के मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखते थे। उन्होंने शोकाकुल परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए ईश्वर से प्रार्थना की कि दिवंगत आत्मा को शांति दें।

Author: Sweta Sharma
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