दमोह, मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश के दमोह जिले में मंगलवार को खाद वितरण केंद्र पर उस समय अफरातफरी मच गई जब हजारों की संख्या में जुटे किसानों को यह बताया गया कि खाद खत्म हो चुकी है। लंबे समय से खाद का इंतजार कर रहे किसानों का धैर्य जवाब दे गया और देखते ही देखते उन्होंने खाद की बोरियों को लूटना शुरू कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुबह से ही किसान केंद्र पर कतार में लगे हुए थे, लेकिन जब दोपहर बाद यह सूचना दी गई कि खाद का स्टॉक समाप्त हो गया है, तो किसान आक्रोशित हो उठे। कई किसानों ने केंद्र के भीतर घुसकर वहां रखी खाद की बोरियों पर कब्जा कर लिया और खुद ही उठाकर ले जाने लगे। हालात इतने बिगड़ गए कि कर्मचारियों को केंद्र छोड़कर भागना पड़ा।
स्थानीय प्रशासन और पुलिस को जब इसकी जानकारी मिली तो मौके पर बल तैनात किया गया और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की गई। हालांकि तब तक अधिकांश किसान खाद की बोरियाँ उठाकर ले जा चुके थे। इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर खाद वितरण प्रणाली की कमजोरियों को उजागर कर दिया है। किसानों का आरोप है कि कई दिनों से खाद की कमी बनी हुई है और सरकारी केंद्रों पर पर्याप्त आपूर्ति नहीं की जा रही। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि जिले में खाद की मांग बहुत अधिक है, और आपूर्ति के लिए उच्च स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। इस बीच, दमोह प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं और खाद की कालाबाज़ारी रोकने के लिए विशेष निगरानी टीम गठित की गई है।
प्रशासन की चुनौती:
खाद की बढ़ती मांग और सीमित आपूर्ति के बीच प्रशासन के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गई है कि किसानों की आवश्यकताओं को समय पर कैसे पूरा किया जाए। यदि जल्द समाधान नहीं निकला, तो ऐसी घटनाएं अन्य जिलों में भी दोहराई जा सकती हैं।
किसानों की चेतावनी:
किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि समय पर खाद की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं की गई, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे और इसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।

Author: Sweta Sharma
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