श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2025ः ब्रज भूमि बनेगी भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक राजधानी
शहर भर में छोटे-बड़े मंचों का निर्माण, लगभग 1,000 कलाकार देंगे सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर ब्रज की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत देखेगी दुनिया
– मंत्री जयवीर सिंह
ब्रज क्षेत्र के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (16 अगस्त, 2025) की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। भगवान श्रीकृष्ण के 5252वें जन्मोत्सव पर मथुरा और आसपास के क्षेत्रों में श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर है। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के अनुसार, इस वर्ष केवल मथुरा में ही 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। श्रद्धालुओं की भीड़ और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्थानीय प्रशासन ने विशेष व्यवस्थाएं की हैं। शहर में छोटे-बड़े मंच सजाए गए हैं, जिन पर 1,000 के करीब कलाकार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे।
यह जानकारी पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि मथुरा-वृन्दावन में तीन दिन शहर के मुख्य मार्ग से लेकर गलियों तक भव्य शोभा यात्राएं निकलेंगी। उत्सव के दौरान पारंपरिक झांकियों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और विविध गतिविधियों के माध्यम से ब्रज की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा। दरअसल, 15 से 17 अगस्त तक तीन दिन की लगातार छुट्टी होने से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का पहंुचना शुरू हो गया है। विभाग का अनुमान है, इस वर्ष मथुरा-वृंदावन क्षेत्र में देशी-विदेशी पर्यटकों का सैलाब उमड़ेगा।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि मा0 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन, बरसाना और गोकुल में भव्य तैयारियां की गई हैं। जिनके माध्यम से श्रद्धालु और पर्यटक भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़ी लीलाओं का साक्षात अनुभव कर सकेंगे। हमारा प्रयास है, कि यहां आने वाला हर व्यक्ति भक्ति, आनंद और अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव के साथ लौटे। ब्रज की समृद्ध विरासत दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचे।
जयवीर सिंह ने बताया कि मथुरा, वृंदावन, बरसाना, नंदगांव और गोवर्धन में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर भक्ति का माहौल चरम पर है। मथुरा की गलियों में श्रीकृष्ण बाल लीलाओं की झांकियां सज रही हैं। वहीं, मंदिरों को फूलों, फसाड लाइटिंग, रंगोली और दीपों से सजाया जा रहा है। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर श्री कृष्ण जन्मभूमि से भव्य शोभायात्रा निकलेगी। मथुरा की गलियों से लेकर वृंदावन, बरसाना, नंदगांव और गोवर्धन मंदिरों शोभायात्रा की श्रृंखला भक्तिमय वातावरण तैयार करेगी। राधा-कृष्ण मंदिरों को फूल, रंगोली और दीपों से सजाया जा रहा है।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर ब्रज और बुंदेलखंड के साथ-साथ राजस्थान व हरियाणा के लोक कलाकार नृत्य प्रस्तुत करेंगे। कार्यक्रम में राई, कच्छी घोड़ी और गुजरी नृत्य की विशेष झलक देखने को मिलेगी। वहीं इस्कॉन और बरसाना के राधा रानी मंदिर की भजन मंडलियां भक्ति संध्या के माध्यम से श्रद्धालुओं को भाव-विभोर करेंगी।
प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन, गोकुल, बरसाना और नंदगांव में धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की विशेष तैयारियां की गई हैं। जन्माष्टमी केवल धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि ब्रज की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। पर्यटक सुविधाओं को सुदृढ़ करते हुए पर्यटन विभाग दुनिया भर से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों का स्वागत करेगा।

Author: Sweta Sharma
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