गोरखपुर के गोरखा वार मेमोरियल को नई पहचान दिलाने और इसकी ऐतिहासिक महत्ता को संरक्षित करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इंडियन मिलिट्री स्टेशन, गोरखपुर और उत्तर प्रदेश संग्रहालय निदेशालय, संस्कृति विभाग के बीच आज समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। यह हस्ताक्षर समारोह प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह की उपस्थिति में उनके शासकीय आवास 02 एन.एम.आर. पर संपन्न हुआ।
इस अवसर पर मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि गोरखा वार मेमोरियल, भारतीय सेना के अद्वितीय साहस और देश की रक्षा में दिए गए बलिदान का प्रतीक है। उन्होंने घोषणा की कि संस्कृति विभाग, अपने संसाधनों से इस स्मारक का उच्चीकरण करेगा और यहां एक भव्य संग्रहालय का निर्माण करवाएगा। इस संग्रहालय में भारतीय सेना और गोरखा रेजिमेंट के गौरवशाली इतिहास, युद्ध में प्राप्त विजय, और वीर सैनिकों के योगदान को प्रदर्शित किया जाएगा।
समझौते के तहत गोरखा वार मेमोरियल को आधुनिक सुविधाओं और आकर्षक प्रदर्शनी हॉल से लैस किया जाएगा, जिससे आने वाली पीढ़ियां न केवल इतिहास को देख सकेंगी बल्कि उससे प्रेरणा भी ले सकेंगी। मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह परियोजना केवल संरचना निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य स्थानीय और बाहरी पर्यटकों को आकर्षित करना, गोरखपुर को सांस्कृतिक पर्यटन के मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करना और सेना की वीरगाथाओं को सम्मान देना है।
समझौता ज्ञापन पर इंडियन मिलिट्री स्टेशन की ओर से ब्रिगेडियर एम.एस. बैन्स और संस्कृति विभाग की ओर से डॉ. सृष्टि धवन, निदेशक, उत्तर प्रदेश संग्रहालय निदेशालय ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर मांडवी सिंह, विशेष सचिव संस्कृति विभाग श्री संजय कुमार सिंह सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
यह पहल न केवल गोरखपुर के ऐतिहासिक महत्व को नई ऊंचाई देगी, बल्कि आने वाले वर्षों में प्रदेश के पर्यटन उद्योग को भी सशक्त करेगी। गोरखा वार मेमोरियल का पुनर्निर्माण और संग्रहालय का निर्माण, भारतीय सेना और गोरखा सैनिकों के त्याग को स्थायी स्मृति में बदल देगा।

Author: Sweta Sharma
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