जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में गुरुवार, 14 अगस्त को बादल फटने से भारी तबाही मच गई। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 33 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जिनमें केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के दो जवान भी शामिल हैं। हादसे में 120 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 37 की हालत नाजुक बताई जा रही है। अधिकारियों ने आशंका जताई है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि करीब 220 लोग अभी भी लापता हैं।
घटना किश्तवाड़ के चिशोती (Chashoti) क्षेत्र में हुई, जहां अचानक तेज बारिश और बादल फटने से मरुसुदर नदी उफान पर आ गई। नदी के तेज बहाव में कई मकान, खेत और सड़कों के बह जाने की संभावना है। इलाके में अफरातफरी का माहौल है और लोग भयभीत हैं। जिला प्रशासन और आपदा राहत बल लगातार बचाव अभियान चला रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने हादसे की पुष्टि करते हुए बताया कि प्रशासन ने तुरंत रेस्क्यू टीमें मौके पर भेज दी हैं। उन्होंने किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा से हालात की विस्तृत जानकारी ली और स्थानीय नेताओं से भी संपर्क साधा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है। मोदी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा कि वह हालात पर करीबी नजर रखे हुए हैं। अमित शाह ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से बात कर हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
किश्तवाड़ पुलिस और प्रशासन ने राहत कार्यों के लिए कंट्रोल रूम और सहायता केंद्र सक्रिय कर दिए हैं, साथ ही हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं। बचाव दल पानी के तेज बहाव और खराब मौसम के बावजूद लापता लोगों को खोजने में जुटे हैं।

Author: Sweta Sharma
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