पिछले आठ सालों में कोई नया कर नहीं लगाया गया, फिर भी राजस्व बढ़ा है।
सरकार ने जनता को कर राहत दी है, महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया है, और उद्योगों को प्रोत्साहन दिया है
कई नवाचार किए गए हैं, और भविष्य में रजिस्ट्री प्रक्रिया को और सरल बनाने की योजना है।
सरकार कर संग्रहण और जन कल्याण में संतुलन बनाकर प्रदेश को विकास की ओर ले जा रही है
उत्तर प्रदेश के स्टांप तथा पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल ने कहा कि कौटिल्य ने कर वसूली के सिद्धांत को इस प्रकार समझाया था कि राजा को कर वसूलना वैसा ही होना चाहिए जैसे सूरज समुद्र से पानी को वाष्पित करता है—बिना समुद्र को सुखाए। इसका अर्थ है कि कर वसूली संतुलित होनी चाहिए, इतनी कि राज्य के खर्च पूरे हों, लेकिन जनता पर अतिरिक्त बोझ न पड़े। कर वसूली के बाद भी जनता के पास अपने जीवन और व्यापार के लिए पर्याप्त संसाधन बचें और वसूला गया कर धीरे-धीरे, न्यायसंगत तरीके से लिया जाए। जैसे सूर्य वाष्प को वर्षा के रूप में लौटाता है, वैसे ही राज्य को कर के रूप में प्राप्त धनराशि को सार्वजनिक सेवाओं, सुरक्षा, विकास और कल्याण योजनाओं के रूप में जनता को वापस लौटाना चाहिए।
मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में वर्तमान सरकार चाणक्य के सिद्धांत और एकात्म मानववाद के विचार का अक्षरशः पालन कर रही है। सरकार का स्पष्ट लक्ष्य जनता को कर राहत देने के साथ-साथ प्रदेश के राजस्व को बढ़ाना है। इसी सोच के तहत वर्तमान सरकार ने पिछले आठ वर्षों में स्टाम्प ड्यूटी नहीं बढ़ाई और कोई नया कर लागू नहीं किया। 2017 में जो सर्किल रेट तय थे, उन्हें वही बनाए रखा गया, केवल कुछ जिलों में किसानों को अधिग्रहण में उचित मुआवजा दिलाने के लिए 2025 में वृद्धि की गई।
राजस्व वृद्धि के संदर्भ में उन्होंने बताया कि 2017 से पहले प्रदेश का वार्षिक राजस्व लगभग 11 हज़ार करोड़ रुपये था, जो अब 30 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। निबंधित दस्तावेजों की संख्या भी 28 लाख से बढ़कर 50 लाख से अधिक हो गई है। यह उपलब्धि बेहतर कानून व्यवस्था, अपराधमुक्त वातावरण, निवेशक हितैषी छवि, डबल इंजन सरकार पर भरोसा और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश की क्षमता में बढ़ते विश्वास के कारण संभव हुई है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने अन्त्योदय और मानववाद के सिद्धांत पर चलते हुए जनता की आवाज़ को प्राथमिकता दी है और कर प्रणाली से सामंती मानसिकता को समाप्त किया है। पारिवारिक सदस्यों के बीच संपत्ति दान करने पर पूर्व में जहां पूरा स्टाम्प शुल्क देना पड़ता था, अब मात्र ₹5,000 में यह दान संभव है। महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देते हुए महिलाओं के पक्ष में होने वाली रजिस्ट्री पर छूट सीमा ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹1 करोड़ की गई है। उद्योगों को 35 से अधिक प्रकार की छूट प्रदान कर उद्योग स्थापना को प्रोत्साहन दिया गया है, जिससे रोजगार के अवसरों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
नवाचार और सुधारों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि ऑनलाइन 12 साला की तत्काल उपलब्धता, e-स्टाम्प का प्रचलन, रजिस्ट्री हेतु ऑनलाइन टाइम स्लॉट बुकिंग, स्थानीय निकायों को सीधे 2% स्टाम्प शुल्क का हस्तांतरण, 61 उप निबंधक कार्यालयों का नवनिर्माण, लंबित निबंधन भवनों के निर्माण कार्य की शुरुआत, कृषि भूमि के नामांतरण हेतु ऑनलाइन डीड प्रेषण जैसी पहलें की गई हैं।
वर्ष 2047 के लक्ष्यों के बारे में मंत्री ने बताया कि सरकार बंटवारा विलेख को मात्र पाँच मिनट और ₹5,000 स्टाम्प शुल्क में पूरा करने की व्यवस्था, रेंट एग्रीमेंट रजिस्ट्रेशन को ₹1,000 से ₹3,000 में कराने की सुविधा, पासपोर्ट कार्यालय की तर्ज पर अत्याधुनिक रजिस्ट्री कार्यालयों का निर्माण, स्टाम्प वेंडर कमीशन में वृद्धि, एटीएम की तर्ज पर स्टाम्प पेपर उपलब्धता, स्वतः दाखिल-खारिज की व्यवस्था, घर बैठे ऑनलाइन रजिस्ट्री, एआई आधारित इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल रूम, स्टाम्प शुल्क के भुगतान के अनेक माध्यम और विवाह का पंजीयन विवाह स्थल पर कराने की सुविधा उपलब्ध कराने पर कार्य कर रही है।
मंत्री रवींद्र जायसवाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार कर संग्रहण और जनता के कल्याण, दोनों में संतुलन बनाकर प्रदेश को विकास के नए शिखर पर ले जा रही है।

Author: Sweta Sharma
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