लखनऊ: उत्तर प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। राज्य गौ सेवा आयोग ने हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ के साथ साझेदारी की है। इस समझौते का उद्देश्य गौ संरक्षण, पंचगव्य उत्पादों के निर्माण, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा और बायोगैस उत्पादन का विस्तार करना है।
यह निर्णय आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता, योग गुरु बाबा रामदेव और पतंजलि सह-संस्थापक आचार्य बालकृष्ण के बीच हुई बैठक के बाद लिया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि “गाँव की गाय, गाँव की प्रगति का आधार है।” इसी दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए पतंजलि योगपीठ ने राज्य की पहल को तकनीकी सहयोग देने का वचन दिया है।
इस साझेदारी के तहत गौशालाएँ अब केवल संरक्षण केंद्र नहीं रहेंगी, बल्कि ग्रामीण उद्योगों के प्रमुख केंद्र बनेंगी। पंचगव्य उत्पादों और बायोगैस का बड़े पैमाने पर उत्पादन होगा, जिससे ग्रामीण रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। प्रत्येक जिले में 2 से 10 गौशालाओं को मॉडल केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके साथ ही गौशालाओं में जियो-फेंसिंग, टैगिंग और फोटो मैपिंग जैसी आधुनिक तकनीकें लागू की जाएँगी।
ग्रामीणों को गोमूत्र संग्रहण और उत्पाद बिक्री पर 50% कमीशन मॉडल मिलेगा। वहीं, नीम, गोमूत्र और वर्मी-कम्पोस्ट जैसे प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता से किसानों की लागत घटेगी, मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी और पर्यावरण संरक्षण भी मज़बूत होगा।

Author: Sweta Sharma
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