भारतीय रेलवे अब यात्रियों के सामान को लेकर पहले से बने नियमों को सख्ती से लागू करने जा रहा है। लंबे समय से यह नियम कागजों तक सीमित थे, लेकिन अब आधुनिक उपकरणों और लगेज स्कैनर्स की स्थापना के बाद रेलवे इसे व्यावहारिक रूप से लागू करने की तैयारी में है। रेलवे के मुताबिक यात्रियों को टिकट की श्रेणी के आधार पर सामान ले जाने की अनुमति होती है। यह नियम नया नहीं, बल्कि 2018 से प्रभावी है। मुफ्त सीमा से ज्यादा सामान ले जाने पर यात्रियों को अतिरिक्त शुल्क देना होगा। अगर यात्री इस सीमा को पार करते हैं तो उन्हें लगेज कार की निर्धारित राशि से डेढ़ गुना तक शुल्क देना होगा। वहीं, यदि जांच के दौरान किसी यात्री के पास अधिकतम सीमा से ज्यादा सामान पाया जाता है, तो उसे छह गुना तक जुर्माना भरना पड़ेगा।
भारतीय रेलवे ने सामान के आकार के लिए भी मानक तय किए हैं। सामान्य डिब्बों में 100x60x25 सेंटीमीटर तक के बक्से, सूटकेस और डिब्बे ले जाने की अनुमति है। जबकि थर्ड एसी और चेयर कार में यह सीमा 55x45x22.5 सेंटीमीटर तक सीमित है। इनसे बड़े आकार का सामान केवल लगेज बोगी में बुक कराकर ही ले जाया जा सकेगा। रेलवे अब स्टेशनों पर वजन और स्कैनिंग मशीनें स्थापित कर रहा है, ताकि नियमों का पालन सुनिश्चित हो सके। प्रयागराज मंडल के डीसीएम हिमांशु शुक्ला के अनुसार, यह कदम यात्रियों की यात्रा को अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए है।
पहले चरण में यह नियम प्रयागराज जंक्शन, प्रयागराज छिवकी, सूबेदारगंज, मिर्जापुर, कानपुर सेंट्रल, गोविंदपुरी, इटावा, टूंडला और अलीगढ़ जंक्शन जैसे प्रमुख स्टेशनों पर लागू किया जाएगा। आने वाले समय में अन्य स्टेशनों पर भी इसे लागू करने की योजना है।

Author: Sweta Sharma
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