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ई-बस खरीद में ‘मेड इन यूपी’ को प्राथमिकता : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री का निर्देश, यात्री सुरक्षा, सुविधा और राजस्व वृद्धि पर विभाग करे हरसंभव प्रयास

सड़क दुर्घटनाओं को न्यूनतम करने पुलिस से समन्वय और तकनीक की मदद ले परिवहन विभाग: मुख्यमंत्री

पीपीपी मॉडल पर 23 बस स्टेशनों का आधुनिकीकरण, दूसरे चरण में 54 और तैयार

राज्य में बन रहे 8 इलेक्ट्रिक डिपो, ईवी को मिलेगा प्रोत्साहन, सड़क सुरक्षा पर सख्ती, ‘नो हेलमेट-नो फ्यूल’

78 लाख से अधिक लोगों ने रक्षाबंधन पर उठाया निःशुल्क यात्रा का लाभ

2024-25 में 37.9 लाख नए वाहन पंजीकृत, ई-वाहनों को मिली 942 करोड़ की कर छूट

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में ई-बसों की खरीद में ‘मेड इन यूपी’ को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग द्वारा आगे से खरीदी जाने वाली बसें यथासंभव उत्तर प्रदेश में ही निर्मित हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम राज्य की औद्योगिक प्रगति को गति देगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ाएगा।

शुक्रवार को परिवहन विभाग और उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि बस स्टेशनों के निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाए, यात्रियों की सुविधा सर्वोपरि हो और सड़क सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को प्रोत्साहन देने और राजस्व वृद्धि के लिए हर संभव प्रयास करने पर बल दिया।

बैठक में प्रस्तुतिकरण के दौरान बताया गया कि रोडवेज 23 बस स्टेशनों को पीपीपी मॉडल पर विश्वस्तरीय टर्मिनल के रूप में विकसित कर रहा है। दूसरे चरण में 54 अतिरिक्त बस स्टेशनों का विकास प्रस्तावित है, जबकि 50 बस स्टेशनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। यूपीएसआरटीसी 8 शहरों में इलेक्ट्रिक डिपो भी स्थापित कर रहा है, जहाँ 240 किलोवाट क्षमता के 4 से 8 यूनिवर्सल चार्जर लगाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने सुगम आवागमन के लिए नए रूट चिन्हित करने और निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने रक्षाबंधन के अवसर पर माताओं-बहनों और उनके एक सहयात्री को तीन दिन तक निःशुल्क यात्रा की सुविधा का लाभ 78 लाख से अधिक लोगों द्वारा लिए जाने पर प्रसन्नता जताई।

परिवहन विभाग की उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए अधिकारियों ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रदेश में 37.9 लाख नए वाहन पंजीकृत हुए, जबकि चालू वित्तीय वर्ष में जून तक ही 11 लाख से अधिक वाहनों का पंजीकरण हो चुका है। इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए कर एवं शुल्क में 942 करोड़ रुपये से अधिक की छूट दी गई है। सड़क सुरक्षा को लेकर ‘नो हेलमेट-नो फ्यूल’ जैसी नीति लागू है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्घटनाओं को कम करने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग तथा पुलिस के साथ समन्वय बढ़ाया जाए।

Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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