निश्चय टाइम्स, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार विकसित उत्तर प्रदेश समर्थ उत्तर प्रदेश अपने मिशन के तहत रणनीतिक पहल पर कार्य कर रही है। इस संबंध में जनमानस की राय एवं सुझाव प्राप्त करने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा एक विशेष पोर्टल samarthuttarpradeh.up.gov.in विकसित किया गया है, जिस पर क्यूआर कोड के माध्यम से लॉगिन कर फीडबैक दिया जा सकता है। दिनांक 7 सितंबर 2025 तक इस पोर्टल पर कुल 27,551 फीडबैक प्राप्त हो चुके हैं। प्राप्त फीडबैक में 18,780 पुरुषों, 8,459 महिलाओं तथा 312 अन्य द्वारा योगदान किया गया है। इनमें से 22,158 फीडबैक ग्रामीण क्षेत्रों से तथा 5,393 नगरीय क्षेत्रों से प्राप्त हुए हैं। अब तक सबसे अधिक फीडबैक शिक्षा क्षेत्र से संबंधित विषयों पर प्राप्त हुआ है। इसके अतिरिक्त कानपुर देहात, फिरोजाबाद तथा जौनपुर जनपदों से 3,000 से अधिक फीड बैक प्राप्त हुए हैं।
प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस संबंध में 03 सितम्बर, 2025 को प्रबुद्धजनों की कार्यशाला का आयोजन लखनऊ में आयोजित की गई, जिसमें मुख्यमंत्री द्वारा प्रबुद्धजनों के साथ संवाद किया गया। कार्यशाला के क्रम में प्रबुद्धजनों द्वारा जनपदों में दो दिवसीय प्रवास कर समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश-2047 अभियान की जन-जागरुकता हेतु विभिन्न लक्षित समूहों-छात्र, शिक्षक, व्यवसायी, उद्यमी, कृषक, स्वयंसेवी संगठन, श्रमिक संगठन, मीडिया एवं आम जनमानस के साथ विगत 8 वर्षों में प्रदेश की विकास यात्रा के सम्बन्ध में जानकारी दी जायेगी तथा विकास हेतु रोड मैप पर चर्चा कर फीडबैक प्राप्त किया जाएगा।
प्रमुख सचिव नियोजन ने बताया कि प्रधानमंत्री की पहल विकसित भारत 2047 का उद्देश्य भारत को वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करना है। यह मिशन समावेशी विकास, तकनीकी प्रगति एवं सतत विकास को केंद्र में रखकर देश के भविष्य की रूपरेखा प्रस्तुत करता है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा उ0प्र0 को वर्ष 2047 तक एक विकसित राज्य के रूप में स्थापित करने हेतु एक व्यापक संकल्प लिया गया है। इस मिशन का उद्देश्य नागरिकों की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से एक समृद्ध, समान और वैश्विक स्तर पर सम्मानित राज्य का निर्माण करना है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश की आकांक्षाओं के अनुरूप एक समग्र रणनीति तैयार किये जाने में विभिन्न हितधारकों जैसे कृषक, युवा, महिलाएं, श्रमिक, शिक्षाविद, उद्यमी/व्यापारी, प्रबुद्ध वर्ग एवं मीडिया की भागीदारी महत्वपूर्ण है।

								
															
			
			



