निश्चय टाइम्स, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के दुग्ध सेक्टर में निवेश को प्रोत्साहित किया जा रहा है। निवेशकों के साथ संवाद एवं उनकी समस्याओं के समाधान हेतु राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। प्रदेश में निवेश का बेहतर माहौल बना है, निवेशकों को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। सरकार का उद्देश्य दुग्ध उद्यमियों एवं निवेशकों से संवाद एवं समन्वय स्थापित करते हुए उत्तर प्रदेश को दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाये रखते हुए दुग्ध उत्पादन बढ़ाना और डेरी सेक्टर को बढ़ावा देना है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश प्रतिवर्ष लगभग 387 लाख मीट्रिक टन दुग्ध उत्पादन के साथ देश में प्रथम स्थान पर है, जो देश के कुल दुग्ध उत्पादन का करीब 16 प्रतिशत है। उ0प्र0 में प्रतिदिन 1062 लाख लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है।
धर्मपाल सिंह सोमवार को होटल ताज में उ0प्र0 डेयरी उद्योग विकास एवं संभावनाएं विषयक आयोजित निवेशक कार्यशाला को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। कार्यशाला में 60 उद्यमियों/निवेशकों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर धर्मपाल सिंह ने दुग्ध उद्यमियों के साथ संवाद भी किया और कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने दुग्ध क्षेत्र के समग्र विकास, किसानों की आय बढ़ाने तथा रोजगार के मौके उपलब्ध कराने के लिए कारगर एवं सर्वसमावेशी नीति लागू की है। दुग्ध उद्योग को बढ़ावा देने के लिए निवेशकों को अनुकूल वातावरण, टैक्स छूट, अनुदान एवं अन्य सभी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प में दुग्ध विकास विभाग का योगदान अभूतपूर्व रहेगा। हमारी योजनाएं, नीति-सुधार और कर-संरचनाएं प्रदेश के दुग्ध सेक्टर को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाएगी।
धर्मपाल सिंह ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा नवीन दुग्ध क्षेत्र विकास एवं दुग्ध उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2022 के तहत उत्पादन, प्रसंस्करण एवं विपणन से संबंधित कई सुधार किए गए हैं। नई नीति के तहत नवीन दुग्ध प्रसंस्करण प्लांट या विस्तार हेतु परियोजना व्यय का 35 प्रतिशत (अधिकतम 5 करोड़ रूपये) तक अनुदान तथा पशु हाउसिंग परियोजना के विस्तार हेतु 2 करोड़ रूपये तक अनुदान का प्रावधान किया गया है। मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि 2018 की नीति के तहत प्रदेश में 22 परियोजनाओं के माध्यम से 106 करोड़ रूपये का निवेश हुआ था, जिससे दुग्ध उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी हुई। नई नीति के तहत प्रदेश में 24 परियोजनाओं के माध्यम से 355 करोड़ रूपये का निवेश हुआ है, जिससे उत्पादन क्षमता और बढ़ी है। प्रदेश में प्रतिदिन 531 लाख लीटर दूध का संग्रहण एवं 98 लाख लीटर का प्रसंस्करण हो रहा है। वर्तमान में राज्य में दुग्ध प्रसंस्करण स्तर 19 प्रतिशत है और इसे 2027-28 तक 25 प्रतिशत तक पहुँचाना लक्ष्य है, जिससे अधिक रोजगार सृजन होगा। मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि मा0 प्रधानमंत्री जी ने देशवासियों के हितों के दृष्टिगत जीएसटी दरों की कटौती की है। जिसका फायदा दुग्ध उत्पादों को भी मिला है, इसमें यूएचटी, मिल्क एवं पैक्ड छेना/पनीर आदि उत्पादों को पूर्णतः टैक्स-फ्री किया गया है।
कार्यशाला में प्रमुख सचिव, पशुधन एवं दुग्ध विकास अमित कुमार घोष द्वारा निवेशकों को अवगत कराया गया कि भारत सरकार द्वारा घोषित नेक्स्ट जेन, जी.एस.टी. की संशोधित दरों में दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों के लिए अनेक रियायतें दी गयी है। यूएचटी मिल्क एवं पैक्ड छेना/पनीर को जीएसटी से पूर्णतः मुक्त कर दिया गया है। मक्खन, घी. चीज, डेयरी स्प्रेडस् को 12 प्रतिशत से घटा कर 5 प्रतिशत के स्लैब में तथा चॉक्लेट व आईसक्रीम को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत के सलैब में लाया गया है। इस सुधार का लाभ निश्चित रूप से दुग्ध उत्पादकों एवं उपभोक्ताओं के साथ साथ डेयरी सेक्टर के सभी स्टेकहोल्डर्स को लाभ मिलेगा।
प्रमुख सचिव द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि प्रदेश प्रदेश के डेयरी सेक्टर का समग्र विकास की परिकल्पना की गयी है, जिसके अन्तर्गत दुग्ध उत्पादन में तीन गुणा से अधिक की वृद्धि, ग्रामीण क्षेत्रों में 01 करोड़ से अधिक रोजगार का सृजन, दुग्ध उत्पादन, प्रोसेसिंग, मूल्य संवर्धन और उत्तर प्रदेश को देश का शीर्ष निर्यातक राज्य बनाना विजन-2047 का लक्ष्य है।
निवेशक कार्यशाला में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की ओर से सीनियर मैनेजर आलोक प्रताप सिंह, आनन्दा डेयरी की ओर से सीनियर मैनेजर विनय शर्मा, महान मिल्क फूड की ओर से सीनियर मैनेजर सार्थिका जायसवाल, मधुसूदन मिल्क की ओर से मैनेजर मार्केटिंग अयोध्या प्रसाद शुक्ला, बनासकांठा मिल्क यूनियन (अमूल डेयरी) की ओर से कैलाश ओझा, जायडस वेलनेस डेयरी की ओर से सीनियर मैनेजर डा० प्रवीण पाटिल, ज्ञान डेयरी की ओर से वेंकटरमानी, मू-मार्क (स्टेलिप) की ओर से मनोज पवार, भारत स्कायर की ओर से एस०एन० द्विवेदी एवं अन्य निवेशकों के प्रतिनिधि द्वारा अपना प्रस्तुतीकरण करते हुए अपनी निवेश की भावी योजनओं एवं राज्य सरकार की ओर से विभिन्न कदम उठाए जाने की अपेक्षा की गयी।
निवेशकों द्वारा की गयी अपेक्षाओं के सम्बन्ध में दुग्ध आयुक्त राकेश कुमार मिश्र, विशेष सचिव, पशुधन देवेन्द्र पाण्डेय एवं दुग्ध विकास विभाग की ओर से संजय कुमार सिन्हा, मुख्य दुग्धशाला विकास अधिकारी द्वारा निवेशकों की अपेक्षाओं के सम्बन्ध में विभिन्न बिन्दुओं पर सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयास एवं निवेशकों को दिए जा सहयोग एवं सुविधाओं के सम्बन्ध में अवगत कराया गया।
इस निवेशक कार्यशाला में उपस्थित निवेशकों द्वारा राज्य सरकार द्वारा किए गए इस प्रयास की सराहना की गयी तथा अपेक्षा की गयी कि भविष्य में भी इस तरह के आयोजन किए जाने से निवेशकों को प्रदेश में अपनी योजनाओं को क्रियान्वित करने में सहायता मिलेगी। इस सम्बन्ध में प्रमुख सचिव पशुधन एवं दुग्ध विकास द्वारा निवेशकों को आश्वस्त किया गया कि इस प्रकार की कार्यशाला भविष्य में क्षेत्रीय/मण्डल स्तर पर भी आयोजित की जाएगी, जिससे उन्हें डेयरी सेक्टर में निवेश करने में मदद मिलेगी। घी, चीज, मिल्क पर जीएसटी दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है और चॉकलेट एवं आइसक्रीम पर 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई है। इन सुधारों से दुग्ध उत्पादकों, व्यवसायियों सहित सभी स्टेकहोल्डर्स को सीधा लाभ मिलेगा। उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि 2047 तक प्रदेश को दुग्ध उत्पादन, प्रोसेसिंग, मूल्य संवर्धन और प्रबंधन के क्षेत्र में देश का नेतृत्वकर्ता राज्य बनाना है। विभाग ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने, ग्रामीण रोजगार सृजन, पोषण और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने समेत बढ़ती आबादी की आवश्यकताओं को पूर्ण करने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।
कार्यशाला में राष्ट्रीय विकास बोर्ड आनन्दा डेयरी, महान मिल्क फूड, मधुसूदन डेयरी, अमूल डेयरी (बनासकांठा), जायडस वेलनेस फूड, ज्ञान डेयरी, भारत स्कायर, भोले बाबा डेयरी (धौलपुर राजस्थान), गू-मार्क (स्टेलेप), वीकेआर इंजीनियर्स आदि उद्यमियों सहित कुल 60 निवेशकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यशाला में डेयरी सेक्टर के निवेशकों को प्रेरित कर प्रदेश में निवेश की सम्भावनाओं से अवगत कराया गया, जिसमें दुग्ध उद्योग सेक्टर के निवेशकों से जुडने एवं उनकी लम्बित समस्याओं का निराकरण के सम्बन्ध में परिचर्चा की गयी।
कार्यशाला में निवेशकों को प्रदेश में निवेश की संभावनाओं, नीतिगत सुधार तथा लाभ की जानकारी दी गई। कार्यशाला में राकेश कुमार मिश्र, दुग्ध आयुक्त, दुग्धशाला विकास, उ०प्र०, देवेन्द्र कुमार पाण्डेय विशेष सचिव, पशुधन उ०प्र० शासन, राम सहाय यादव, विशेष सचिव, दुग्ध विकास उ०प्र० शासन एव शशांक चौधरी अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, इन्वेस्ट यूपी शासन की ओर से उपस्थित रहें।
