निश्चय टाइम्स, डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को असम के दरांग और गोलाघाट जिलों में 18,530 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने दरांग मेडिकल कॉलेज, मंगलदई कस्बे में नर्सिंग कॉलेज और जीएनएम स्कूल की आधारशिला रखी। इन स्वास्थ्य सेवा परियोजनाओं पर कुल 570 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जो क्षेत्रीय स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि चाहे मुझे कितनी भी आलोचनाएं और गालियां दी जाएं, उनका कोई प्रभाव नहीं पड़ता। मैं भगवान शिव का भक्त हूं और सारा जहर निगल लेता हूं। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके पास 140 करोड़ देशवासियों का आशीर्वाद है, जो उनके लिए रिमोट कंट्रोल का काम करता है। पीएम मोदी ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद असम का यह उनका पहला दौरा है। मां कामाख्या के आशीर्वाद से ऑपरेशन सिंदूर बड़ी सफलता प्राप्त हुई। उन्होंने जनसभा में भूपेन हजारिका को भारत रत्न देने के अपने निर्णय का बचाव करते हुए कहा कि कांग्रेस ने इसे गलत तरीके से प्रस्तुत किया। उन्होंने जनता से पूछा कि क्या भूपेन दा को भारत रत्न देना सही था, जिस पर सभा ने समर्थन जताया। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि जब वह सत्ता में थी, तब देश आतंक और घुसपैठ के मामलों में निष्क्रिय रही। उन्होंने कहा कि आज हमारी सेना पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर चला रही है, लेकिन कांग्रेस पाकिस्तान की सेना या आतंकियों के एजेंडों को बढ़ावा देती है। प्रधानमंत्री ने जनता से सतर्क रहने की अपील की और विकास परियोजनाओं के माध्यम से नॉर्थ ईस्ट के तेजी से विकास और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने का संदेश दिया।
उन्होंने कहा कि असम की इस सांस्कृतिक विरासत का सम्मान-संरक्षण और असम का तेज़ विकास, ये डबल इंजन सरकार की प्राथमिकता रही है। जरा एसपीजी के लोग कोई भाई वो चित्र बनाकर लाए हैं, वो शायद देना चाहते हैं, जो चित्र बनाकर लाए हैं, उनसे मेरी प्रार्थना है कि आप पीछे अपना नाम पता लिख लीजिए, मैं जरूर आपको चिट्ठी लिखूंगा, बहुत सुंदर तस्वीर आपने मेरी मां की भी तस्वीर बनाई है। असम का ये प्यार मैं कभी भूल नहीं सकता हूं। वो एक नौजवान कब से एक गमौछा लेकर के खड़ा है, वो भी ले लीजिए, मेरे लिए तो ये जन्माष्टमी का प्रसाद है। असम की कोई गरीब मां ने ये गमौछा बनाया होगा। बहुत-बहुत धन्यवाद भइया, आपके इस प्रसाद के लिए मैं आपका बहुत आभारी हूं, मुझे मिल जाएगा, दे दीजिए भइया, मिल जाएगा, मैं बहुत आभारी हूं आपका। एक और भी है ले लीजिए शायद वो हेमंता को देना चाहता है, हेमंता को देना चाहता है। ठीक है जहां जाना है, सही जगह पर जाएगा, बहुत आपका प्यार के लिए धन्यवाद नौजवान। देखिए काफी बच्चे कुछ चित्र बनाकर लाए हैं, जरा ले लो भई, इतना प्यार बरसा रहे हैं लोग। ये छोटे-छोटे बालक, ऐसा सौभाग्य कहां मिलता है भई। थैंक यू दोस्त, थैंक यू भइया, आप दोनों भाई हैं क्या, नहीं, वाह तो दोनों काली टी-शर्ट पहनकर आए हैं। लेकिन बहुत-बहुत धन्यवाद दोस्तों।
असम देशभक्तों की भूमि है, विदेशी आक्रांताओं से देश की रक्षा हो या फिर आजादी की लड़ाई में बलिदान हो, असम की भूमिका बहुत बड़ी है। पथरुघाट का किसान सत्याग्रह देश भला कैसे भूल सकता है, वो ऐतिहासिक स्थान यहां से ज्यादा दूर नहीं है, आज जब मैं बलिदानियों की ऐसी पावन भूमि पर खड़ा हूं, तो कांग्रेस की एक और करतूत से पर्दा हटाना ज़रूरी है। कांग्रेस अपनी राजनीति के लिए हर ऐसे व्यक्ति, हर ऐसे विचार के साथ खड़ी होती है, जो भारत विरोधी हो। अभी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी हमने यही देखा है। जब कांग्रेस सत्ता में थी, तो पूरा देश आतंक से लहूलुहान होता था, कांग्रेस चुपचाप खड़ी रहती थी। आज हमारी सेना ऑपरेशन सिंदूर करती है, पाकिस्तान के कोने-कोने में आतंक के आकाओं को उखाड़ फेंकती है, लेकिन कांग्रेस, देश की सेना के बजाय, पाकिस्तान की सेना के साथ खड़ी हो जाती है, कांग्रेस के लोग हमारी सेना के बजाय, आतंकियों को पालने वालों के एजेंडे को आगे बढ़ाते है, पाकिस्तान का झूठ, कांग्रेस का एजेंडा बन जाता है। इसलिए आपको कांग्रेस से हमेशा सतर्क रहना है।
उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार, घुसपैठियों को देश के साधनों-संसाधनों पर कब्जा नहीं करने देगी। भारत के किसानों, भारत के नौजवानों, हमारे आदिवासियों का हक हम किसी को नहीं छीनने देंगे। ये घुसपैठिए हमारी माताओं-बहनों-बेटियों के साथ अत्याचार करते हैं, ये नहीं होने दिया जाएगा, घुसपैठियों के माध्यम से बॉर्डर के इलाकों में डेमोग्राफी बदलने की साजिशें चल रही हैं, ये राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा है, इसलिए, अब देश में एक डेमोग्राफी मिशन शुरु किया जा रहा है। भाजपा का लक्ष्य है- घुसपैठियों से देश को बचाएंगे, घुसपैठियों से देश को मुक्ति दिलाएंगे। और मैं उन राजनेताओं को भी कहना चाहता हूं, आप जो चुनौती लेकर के मैदान में आए ना, मैं सीना तान करके उस चुनौती को स्वीकार करता हूं। और लिख लो मैं देखता हूं, घुसपैठियों को बचाने में तुम कितनी ताकत लगाते हो और घुसपैठियों को हटाने में हम कैसे अपना जीवन लगा देते हैं, हो जाए मुकाबला। घुसपैठियों को बचाने के लिए निकले हुए लोगों को भुगतना पड़ेगा। मेरे शब्द सुन के रखो, यह देश उनको माफ नहीं करेगा।
