प्रधानमंत्री मोदी ने बताया आत्मनिर्भर भारत की नींव गुरुवार को ‘मेक इन इंडिया’ पहल के 11 साल पूरे होने के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था और उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र पर इसके गहरे प्रभाव को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस पहल ने भारतीय उद्यमियों को प्रोत्साहन दिया है और वैश्विक स्तर पर स्थायी छाप छोड़ी है।
अपने सोशल मीडिया संदेश में प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, “11 साल पहले आज ही के दिन, भारत के विकास को गति देने और उद्यमशीलता की क्षमता को उजागर करने के लिए मेक इन इंडिया की शुरुआत की गई थी। यह देखकर संतोष है कि इस अभियान ने आर्थिक मजबूती और आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस आधार प्रदान किया है। इस पहल ने नवाचार और रोजगार सृजन को सभी क्षेत्रों में बढ़ावा दिया है।”
‘मेक इन इंडिया’ अभियान 25 सितंबर, 2014 को शुरू किया गया था। इसका लक्ष्य था निवेश को आसान बनाना, विश्वस्तरीय विनिर्माण अवसंरचना का निर्माण करना और कौशल विकास व जीवनयापन की सुगमता में सुधार लाना। इन 11 वर्षों में इस पहल ने उल्लेखनीय सफलताएँ दर्ज की हैं।
विश्व बैंक की ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस रैंकिंग में भारत की स्थिति 142 से सुधरकर 63 पर आ गई है। लालफीताशाही में भारी कमी आई है और 42,000 से अधिक अनुपालन समाप्त किए गए हैं। डिजिटल प्रणालियों ने पारंपरिक फाइलों की जगह ले ली है। वहीं, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना ने विनिर्माण क्षेत्र को नई ऊर्जा दी है।
भारत का विनिर्माण क्षेत्र अब वित्त वर्ष 2026 तक 1 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है। अगस्त 2025 में विनिर्माण PMI 59.3 पर पहुँचा, जो पिछले 17 वर्षों में सबसे ऊँचा स्तर है। हालिया GST सुधारों ने अभियान को और भी मज़बूती दी है, जहाँ आवश्यक वस्तुओं पर कर शून्य और कई उत्पादों पर कर में बड़ी कटौती की गई है।
