मिशन शक्ति 5.0 केवल कार्यक्रमों की श्रृंखला नहीं बल्कि सोच और व्यवहार में स्थायी बदलाव का प्रयास है-लीना जौहरी
साइक्लोथेन, घर-घर जन-जागरूकता और सोशल मीडिया कैम्पेन ने ग्राम स्तर तक पहुंचाई सुरक्षा और सम्मान की गूंज, दिया संदेश हर महिला और हर बच्चे के अधिकारों की रक्षा समाज का सामूहिक संकल्प
लाभार्थियों तक सरकार की योजनायें पहुँचाने की अनूठी पहल
प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मार्गदर्शन में 22 सितम्बर 2025 से प्रारम्भ हुए मिशन शक्ति 5.0 विशेष अभियान को महिला एवं बाल विकास विभाग ने 90 दिनों की कार्ययोजना के रूप में पूरे राज्य में लागू किया है। इस अभियान का उद्देश्य है महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन सुनिश्चित करना तथा समाज की हर आवाज को वह शक्ति देना जो बदलाव की दीवारों को तोड़ सके।
अभियान के अंतर्गत विभाग द्वारा साइक्लोथॉन, घर-घर जागरूकता तथा सोशल मीडिया कैम्पेन शुरू किया गया। प्रदेश भर में आयोजित साइक्लोथॉन ने अभियान को गति दी। जिलाधिकारी स्तर से लेकर ग्राम प्रधान तक के नेतृत्व में आयोजित इस साइक्लोथॉन ने यह संदेश दिया कि महिला और बच्चों की सुरक्षा और अधिकार केवल सरकारी प्राथमिकता नहीं बल्कि समाज की साझी जिम्मेदारी है। साइक्लोथॉन में महिलाओं, बच्चों और युवाओं की बडी भागीदारी ने इसे जनआंदोलन का रूप दिया। यह एक साइक्लोथॉन के माध्यम से विभाग ने महिलाओं और बच्चों संबंधी संकेतकों जैसे जनसंख्या अनुपात, जन्म/मृत्यु दर, लिंगानुपात, स्कूल ड्रॉपआउट, बाल विवाह, लैंगिक शोषण, संस्थागत प्रसव, साक्षरता दर तथा महिलाओं और बच्चों के प्रति होने वाली हिंसा, तथा विभागीय योजनाओं आदि को समाज के समक्ष रखा और उनको सुधारने हेतु आम जन के मध्य चर्चा की।
साथ ही प्रदेश भर में नवरात्रि के पावन अवसर पर सार्वजनिक स्थलों और बाजारों में मोबाइल वैन, कैनोपी और स्टॉल स्थापित कर महिलाओं और बच्चों से संबंधित मुद्दों पर जागरूकता फैलायी गयी। साथ ही विभागीय योजनाओं मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, बेटी बचाओ बेटी पढाओ, वन स्टॉप सेंटर, 181 महिला हेल्पलाइन, पति की मृत्युपरांत निराश्रित पेंशन योजना और प्रधानमंत्री मातृ वंदना जैसी योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया गया। इन अभियानों के जरिए आमजन को यह संदेश दिया गया कि सरकारी योजनाएं तभी प्रभावी होंगी जब समाज स्वयं भी इनके क्रियान्वयन में सक्रिय भागीदारी निभाए।
कार्यक्रम के दौरान महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा से संबंधित प्रमुख कानूनों की जानकारी भी दी गई। यह कोशिश की गई कि कानूनों की जानकारी केवल पुस्तकों तक सीमित न रहें, बल्कि हर घर और हर समुदाय तक उनकी रोशनी पहुंचे।
विभाग द्वारा महिलाओं और बच्चों संबंधी राज्य/जनपद स्तरीय संकेतकों यथा जनसंख्या अनुपात, जन्म/मृत्यु दर, लिंगानुपात, स्कूल ड्रॉपआउट, बाल विवाह, लैंगिक शोषण, संस्थागत प्रसव, साक्षरता दर तथा महिलाओं और बच्चों के प्रति होने वाली हिंसा, आदि को समाज के समक्ष रखते हुये उनके सुधार हेतु सोशल मीडिया के माध्यम से कैम्पेन भी शुरू किया है।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव लीना जौहरी ने कहा कि मिशन शक्ति 5.0 केवल कार्यक्रमों की श्रृंखला नहीं बल्कि सोच और व्यवहार में स्थायी बदलाव का प्रयास है। हमारा लक्ष्य है कि हर महिला और बच्चा बिना भय, बिना भेदभाव और पूरी गरिमा के साथ जीवन जी सके और हमतक अपनी बात पहुँचा सके।
अभियान की सफलता के लिए समाज की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। इस संदर्भ में महिला कल्याण निदेशक संदीप कौर ने कहा कि विभाग ने मिशन शक्ति 5.0 की गतिविधियों को योजनाबद्ध रूप से इस तरह संयोजित किया है कि यह केवल सरकारी आयोजन न होकर एक जनआंदोलन बने। हर दिन और हर स्तर की गतिविधियाँ ब्लॉक और ग्राम स्तर तक पहुँच रही हैं ताकि जागरूकता की यह धारा हर घर तक पहुँचे और लाभार्थियों की पहुँच सरकारी योजनाओं तक बनें।
