बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा अब कुछ ही दिनों में होने वाली है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चुनावी तैयारियों को तेज करते हुए बड़े स्तर पर रणनीति बनानी शुरू कर दी है। पार्टी ने न केवल चुनाव प्रभारी और सह-प्रभारियों की नियुक्ति की है, बल्कि देशभर से 45 नेताओं को बिहार भेजकर उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां भी सौंपी हैं। इन नेताओं को बूथ से लेकर विधानसभा और लोकसभा स्तर तक पार्टी का नेटवर्क मजबूत करने का कार्य दिया गया है।
पटना में हुई अहम बैठक
शुक्रवार (26 सितंबर, 2025) को पटना में भाजपा और एनडीए की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, सह-प्रभारी सी.आर. पाटिल और केशव प्रसाद मौर्य, बिहार प्रभारी विनोद तावड़े समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। बैठक में प्रवासी नेताओं को उनकी जिम्मेदारियां बताई गईं और मिशन “बिहार फतह” के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में भेजा गया।
अलग-अलग राज्यों से आए नेता
इन 45 नेताओं की सूची में कई बड़े नाम शामिल हैं। छत्तीसगढ़ से सांसद संतोष पांडेय, विजय बघेल और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पांडेय को जिम्मेदारी मिली है। दिल्ली से सांसद रमेश बिधूड़ी, कमलजीत शाहरावत और केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा को तैनात किया गया है। गुजरात से सांसद देवूसिंह चौहान, मितेश पटेल और विधायक अमित ठाकरे को शामिल किया गया है।
हरियाणा से पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल, जम्मू-कश्मीर से सांसद युगल किशोर शर्मा, झारखंड से मनीष जयसवाल, कालीचरण सिंह और पूर्व सांसद सुनील सिंह को जिम्मेदारी मिली है। इसी तरह उड़ीसा से सांसद अनंत नायक का नाम सूची में शामिल है।
यूपी और मध्यप्रदेश के नेताओं को बड़ी भूमिका
मध्यप्रदेश से गजेंद्र सिंह पटेल, प्रह्लाद पटेल, विश्वास सारंग, अनिल फिरोजिया और अरविंद सिंह भदौरिया जैसे नेताओं को अहम भूमिका दी गई है। उत्तर प्रदेश से सांसद सतीश गौतम, संगम लाल गुप्ता, राजकुमार चाहर और विधायक शलभ मणि त्रिपाठी समेत कई नेताओं को मैदान में उतारा गया है। राजस्थान से नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी इस टीम का हिस्सा हैं।
विधानसभा स्तर पर भी होगी नियुक्ति
पार्टी की रणनीति सिर्फ प्रचार तक सीमित नहीं है। प्रवासी नेताओं का मुख्य लक्ष्य स्थानीय कार्यकर्ताओं को सक्रिय करना और एनडीए गठबंधन के लिए हर सीट पर जीत सुनिश्चित करना है। आने वाले दिनों में विधानसभा स्तर पर भी नेताओं की नियुक्ति की जाएगी, जिससे संगठन को और मजबूती मिल सके।
