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करूर रैली में भगदड़: गृह मंत्रालय ने तमिलनाडु सरकार से रिपोर्ट मांगी

तमिलनाडु के करूर जिले में अभिनेता-नेता विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) की चुनावी रैली के दौरान शनिवार को मची भगदड़ ने पूरे राज्य को हिला दिया। इस घटना में कई लोगों की मौत और दर्जनों घायल हुए। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तमिलनाडु सरकार से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। मंत्रालय ने अपने पत्र में राज्य से पूछा है कि भगदड़ कैसे हुई, बचाव कार्य किस तरह चलाए गए और पीड़ितों को तत्काल उपचार के लिए क्या कदम उठाए गए।

जांच आयोग और पूछताछ की तैयारी

तमिलनाडु सरकार ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए जांच आयोग का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता एक सेवानिवृत्त जज करेंगे। साथ ही सूत्रों के मुताबिक, घटना को लेकर अभिनेता विजय से भी पूछताछ हो सकती है, क्योंकि यह रैली उनकी पार्टी द्वारा आयोजित थी।

केंद्र का हस्तक्षेप

गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यपाल आर.एन. रवि और मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन से बात कर हालात की जानकारी ली और केंद्र की ओर से हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। शाह ने एक्स पर संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि वह मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी शोक संवेदना प्रकट करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस घटना को हृदयविदारक बताया।

विपक्ष और नेताओं की प्रतिक्रिया

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने भी मृतकों के प्रति शोक जताया। राहुल गांधी ने कहा कि यह घटना बेहद दुखद है और उनकी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी संवेदना जताई।

वहीं, सत्तारूढ़ द्रमुक ने आयोजन को लेकर विजय पर निशाना साधा। द्रमुक प्रवक्ता सरवनन अन्नादुरई ने आरोप लगाया कि आयोजकों ने रैली में भीड़ को जानबूझकर रोके रखा ताकि ड्रोन से भीड़भाड़ के दृश्य दिखाकर प्रचार किया जा सके।

पहले भी हुई हैं ऐसी घटनाएं

राजनीतिक रैलियों में भगदड़ कोई नई बात नहीं है। दिसंबर 2022 में आंध्र प्रदेश के चंद्रबाबू नायडू की रैली में 8 लोगों की मौत हुई थी। जनवरी 2023 में उनकी एक और सभा में 3 महिलाओं की जान गई। 2016 में लखनऊ में मायावती की रैली में भी भगदड़ से 3 लोगों की मौत हुई थी।

धार्मिक आयोजनों में भी अक्सर इस तरह की घटनाएं देखी जाती हैं। 2024 में बेंगलुरु में RCB की विजय परेड में 11 लोगों की जान गई, जबकि गोवा, दिल्ली और प्रयागराज में भीड़ प्रबंधन की कमी से कई जानें जा चुकी हैं।

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Author: ntuser1

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