बिहार की राजनीति में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव के बीच टकराव लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी बीच समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने ओवैसी की ताकत पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी ताकत “10 किलो दूध में नींबू की बूंद” जैसी है, यानी उनका जनाधार बेहद सीमित है।
आजमी ने कहा कि तेजस्वी यादव का राजनीतिक कद बड़ा है, जबकि ओवैसी केवल एक खास समुदाय तक सीमित हैं। उन्होंने व्यंग्य करते हुए यह भी पूछा कि अगर ओवैसी तेजस्वी को हराते हैं तो आखिर वे किसे फूलों की माला पहनाएंगे। राजनीतिक हलकों में आजमी का यह बयान विपक्षी राजनीति में रणनीतिक संदेश माना जा रहा है, जिससे साफ है कि समाजवादी पार्टी तेजस्वी को ही विपक्ष का बड़ा चेहरा मान रही है।
वहीं, ओवैसी ने हाल ही में किशनगंज में ‘सीमांचल न्याय यात्रा’ के दौरान लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव पर हमला बोला था। उन्होंने आरोप लगाया कि राजद ने गठबंधन की कोशिशों के बावजूद उनकी पार्टी की अनदेखी की। ओवैसी का दावा है कि विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने बराबरी के दर्जे के साथ गठबंधन की पहल की थी और सिर्फ छह सीटों की मांग की थी, लेकिन लालू और तेजस्वी की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला।
ओवैसी ने मुस्लिम नेतृत्व का सवाल भी उठाया। उन्होंने कहा कि यादव, कुशवाहा, पासवान, कुर्मी और मांझी जैसी जातियों के अपने-अपने नेता हैं, लेकिन मुस्लिम समुदाय को अब तक कोई ठोस नेतृत्व नहीं मिला। उन्होंने सवाल उठाया कि जब तेजस्वी मुख्यमंत्री बनने का सपना देख सकते हैं, तो सीमांचल का कोई युवा मुस्लिम नेता क्यों आगे नहीं आ सकता।
फिलहाल इस पूरे विवाद पर ओवैसी की पार्टी की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
