भारतीय रसोई में अचार का खास महत्व है। चाहे साधारण दाल-चावल हो या पराठे, अचार का स्वाद भोजन को और भी लज़ीज़ बना देता है। आमतौर पर अचार तेल और मसालों से भरे होते हैं, लेकिन अगर आप हेल्दी और हल्का विकल्प चाहते हैं तो हरी मिर्च का पानी वाला अचार, जिसे राजस्थानी शैली में कांजी मिर्च कहा जाता है, बेहतरीन विकल्प है। यह न केवल स्वादिष्ट होता है बल्कि पाचन के लिए भी फायदेमंद है।
आवश्यक सामग्री
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हरी मिर्च (मोटी और कम तीखी) – 200 ग्राम
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पानी – लगभग 2.5 गिलास (मिर्च डूबने जितना)
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राई (सरसों) – 2 बड़े चम्मच
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सौंफ – 1 बड़ा चम्मच
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मेथी दाना – 1 छोटा चम्मच
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जीरा – 1/4 छोटा चम्मच
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नमक – 2 से 2.5 छोटा चम्मच (या स्वादानुसार)
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हींग – 1/4 छोटा चम्मच
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नींबू का रस – 1 बड़ा चम्मच (खट्टापन के लिए वैकल्पिक)
बनाने की विधि
1. मिर्च की तैयारी
सबसे पहले हरी मिर्च को अच्छी तरह धोकर सुखा लें। ध्यान रहे, मिर्च पर बिल्कुल भी नमी न हो। चाहें तो डंठल हटा सकते हैं। अब एक बड़े बर्तन में लगभग 2.5 गिलास पानी उबालें। पानी उबलते ही उसमें हरी मिर्च डालें और मध्यम आंच पर 1 मिनट उबालें। इसके बाद गैस बंद कर दें और बर्तन को ढककर 10–15 मिनट के लिए छोड़ दें। इस प्रक्रिया से मिर्च हल्की नरम हो जाएगी और उसका रंग बदलने लगेगा। अब मिर्च निकालकर ठंडी कर लें। ठंडी होने पर मिर्च के बीच में चाकू से लंबा चीरा लगाएँ। बीज निकालना चाहें तो निकाल सकते हैं।
2. मसाले की तैयारी
अब एक पैन में सौंफ, मेथी और जीरा डालें और धीमी आंच पर हल्का भूनें। मसालों से खुशबू आने लगे तो इन्हें उतारकर ठंडा होने दें। ध्यान रहे, मसाले ज्यादा भूरे न हों। ठंडा होने पर इन्हें दरदरा पीस लें। अब इसमें राई, नमक और हींग डालकर मिलाएँ। यह मसाला अचार का असली स्वाद देगा।
3. अचार तैयार करना
अब हर मिर्च में हल्का-हल्का मसाला भरें। ज्यादा मसाला भरने की जरूरत नहीं है। मसाले भरी हुई मिर्चों को एक साफ और सूखे कांच के जार में डालें। बचा हुआ मसाला भी जार में डाल दें। अब इसमें उबला और ठंडा किया हुआ पानी डालें। अगर आपको ज्यादा खट्टापन पसंद है तो नींबू का रस मिला सकते हैं। जार को अच्छी तरह बंद कर दें।
4. खमीर चढ़ाना और परोसना
इस जार को 2–3 दिनों तक धूप में रखें या कमरे के तापमान पर छोड़ दें। धीरे-धीरे पानी का रंग बदल जाएगा और अचार खट्टापन लेने लगेगा। तीन दिन बाद अचार पूरी तरह खाने के लिए तैयार होगा। इसे पराठे, दाल-चावल या किसी भी भोजन के साथ परोसा जा सकता है।
खास टिप्स
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अचार बनाते समय बर्तन और जार पूरी तरह सूखे होने चाहिए, वरना अचार जल्दी खराब हो सकता है।
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तीखापन नियंत्रित करने के लिए कम तीखी हरी मिर्च का ही इस्तेमाल करें।
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यह अचार बिना तेल का होता है, इसलिए हल्का और हेल्दी विकल्प माना जाता है।
तीन दिन में तैयार होने वाला यह पानी वाला हरी मिर्च का अचार खाने के स्वाद को दोगुना कर देता है और बार-बार खाने का मन करता है।
