निश्चय टाइम्स, लखनऊ। महिला एवं बाल विकास विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा मिशन शक्ति 5.0 के अंतर्गत आज प्रदेश के सभी जनपदों में “पर्सनल सेफ्टी अवेयरनेस” विषय पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। यह आयोजन 3 से 11 अक्टूबर तक चलने वाले अंतरराष्ट्रीय बालिका सप्ताह थीम के अंतर्गत किया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा, सुरक्षा और व्यक्तिगत संरक्षण से जुडे विषयों पर जागरूक करना है।
आज के कार्यक्रमों में जनपद, ब्लॉक और ग्राम स्तर पर कार्यशालाएँ और छोटे सूहों में सत्र आयोजित किये गये, जिनमें बालिकाओं और महिलाओं को उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा से जुडे अधिकारों, उपायों और कानूनी प्रावधानों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। विद्यालयों में विशेष रूप से सत्रों का आयोजन किया गया, जहाँ छात्राओं को विशेषज्ञों द्वारा यह समझाया गया कि विभिन्न सामाजिक या व्यक्तिगत परिस्थितियों में वे अपनी सुरक्षा कैसे सुनिश्चित कर सकती हैं। इस दौरान आत्मरक्षा के बुनियादी अभ्यास, संकट की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया के तरीके, हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी तथा साइबर सुरक्षा जैसे पहलुओं पर भी चर्चा की गई।
प्रदेश के सभी जिलों में कार्यक्रम का संचालन विषय विशेषज्ञों, समाजसेवियों और प्रशिक्षकों की उपस्थिति में हुआ। इसमें यह विशेष संदेश दिया गया कि कोई भी बालिका या महिला अगर किसी प्रकार की प्रतिकूल स्थिति का सामना करती है तो उसे चुप न रहकर अपनी सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए और उपलब्ध सरकारी एवं सामाजिक सहायता तंत्र का उपयोग करना चाहिए। ग्रामीण अंचलों से लेकर शहरी विद्यालयों तक आयोजित इन सत्रों में बालिकाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और खुले मन से अपनी जिज्ञासाएँ साझा कीं। कई जगह छात्राओं ने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण न केवल उन्हें आत्मविश्वास देते हैं बल्कि परिवार और समाज में भी सुरक्षा के प्रति सकारात्मक सोच विकसित करते हैं।
महिला एवं बाल विकास विभाग, उत्तर प्रदेश की अपर मुख्य सचिव लीना जोहरी ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय बालिका सप्ताह के अंतर्गत आयोजित यह कार्यक्रम बालिकाओं की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बडा कदम है। पर्सनल सेफ्टी अवेयरनेस से जुडी जानकारी हर बेटी के लिए उतनी ही आवश्यक है जितनी शिक्षा।” “पर्सनल सेफ्टी अवेयरनेस” कार्यक्रम ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि समाज में जागरूकता ही सुरक्षा की सबसे मजबूत ढाल है। मिशन शक्ति के इस प्रयास से न केवल बालिकाओं की व्यक्तिगत सुरक्षा सुदृढ होगी, बल्कि पूरे प्रदेश में महिलाओं और बच्चों के लिए सम्मानजनक और सुरक्षित वातावरण के निर्माण को भी गति मिलेगी।
